Kolkata Doctor Rape-Murder Case: आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सीबीआई ने किया गिरफ्तार, इस पुलिस अधिकारी पर भी कसा शिकंजा

By अंजली चौहान | Published: September 15, 2024 07:30 AM2024-09-15T07:30:13+5:302024-09-15T07:33:18+5:30

Kolkata Doctor Rape-Murder Case: केंद्रीय जांच एजेंसी ने कोलकाता डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में सबूत नष्ट करने और जांच को गुमराह करने के आरोप में आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष और कोलकाता पुलिस अधिकारी अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया।

Kolkata Doctor Rape-Murder Case CBI Arrests RG Kar Medical College and Hospital Former Principal Sandip Ghosh Police Officer Abhijit Mondal | Kolkata Doctor Rape-Murder Case: आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सीबीआई ने किया गिरफ्तार, इस पुलिस अधिकारी पर भी कसा शिकंजा

Kolkata Doctor Rape-Murder Case: आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सीबीआई ने किया गिरफ्तार, इस पुलिस अधिकारी पर भी कसा शिकंजा

Kolkata Doctor Rape-Murder Case: कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या मामले में सीबीआई ने बड़ा एक्शन लिया है। केंद्रीय एजेंसी ने  बीते शनिवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और एक पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया है। मामले की जांच कर रही सीबीआई ने संदीप घोष के साथ उस पुलिसवाले को भी पकड़ा है जिसने एफआईआर लिखने में देरी की थी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अनुसार, कोलकाता पुलिस के दो और अधिकारी सीबीआई की जांच के दायरे में हैं। जांच एजेंसी मामले के संबंध में ताला पुलिस स्टेशन के एक सब-इंस्पेक्टर से भी पूछताछ कर रही है। शनिवार शाम को सीबीआई अदालत में एजेंसी द्वारा दायर याचिका के अनुसार, घोष पर “एफआईआर दर्ज करने में काफी देरी” करने का आरोप है।

मालूम हो कि प्रशिक्षु डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह मिला था, लेकिन पुलिस ने अप्राकृतिक मौत के मामले को एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) में बदलने में 12 घंटे से अधिक समय लगा दिया, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने जांच की। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई को मामले में सबूत नष्ट होने का डर है।

पुलिस ने जांच शुरू करने के तुरंत बाद एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जो एक नागरिक स्वयंसेवक था, जिसकी अस्पताल में आसानी से पहुंच थी, लेकिन कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सबूत नष्ट करने और मामले को दबाने के आरोपों के बीच जांच सीबीआई को सौंप दी। केंद्रीय एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट में भी सबूतों की कमी की ओर इशारा किया है।

सीबीआई सूत्रों ने कहा कि वे पूछताछ के दौरान घोष द्वारा दिए गए जवाबों से आश्वस्त नहीं थे। सूत्रों ने बताया कि पूर्व आरजी कर प्रिंसिपल ने कहा था कि उन्हें घटना के बारे में सुबह 10:20 बजे पता चला, जबकि उनके ड्राइवर ने अधिकारियों को सूचित किया था कि उन्हें सुबह 6 बजे घोष के आवास पर आने के लिए कहा गया था।

फोरेंसिक रिपोर्ट में बलात्कार के बारे में कोई निष्कर्ष न निकलने के बाद पुलिस अधिकारी मंडल की भूमिका पर संदेह बढ़ गया, जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यौन उत्पीड़न के बारे में स्पष्ट था। फोरेंसिक रिपोर्ट ने इस बात पर सवाल उठाए कि क्या पीड़िता के जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करने से पहले शव के स्वाब संग्रह को ठीक से किया गया था। इसने साक्ष्य संग्रह और दस्तावेजीकरण प्रक्रिया को भी जांच के दायरे में ला दिया।

सीबीआई के एक अधिकारी ने  बताया, "पुलिसकर्मी से पहले आठ बार पूछताछ की जा चुकी है और हर बार उसने अलग-अलग बयान दिए हैं। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है और कल (रविवार) उसे अदालत में पेश किया जाएगा।"

आरजी कर की घटना ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया है, अस्पताल के कामकाज के साथ-साथ बंगाल की स्वास्थ्य प्रणाली को भी सवालों के घेरे में ला दिया है, कलकत्ता एचसी और सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले की जांच की गई है, एक बड़ी साजिश के आरोप लगाए गए हैं, जिसके कारण राज्य विधानसभा में एक सख्त बलात्कार विरोधी विधेयक पारित हुआ है, और एक तीखे राजनीतिक युद्ध की शुरुआत हुई है।

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