जिस एयर फोर्स वन विमान से भारत आए डोनाल्ड ट्रंप उसमें और PM मोदी के विमान में है ये बड़ा अंतर, जानें इनके बारे में सबकुछ
By अनुराग आनंद | Published: February 24, 2020 02:05 PM2020-02-24T14:05:27+5:302020-02-24T14:35:16+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष विमान एयर इंडिया वन के नाम से जाना जाता है। यह बोइंग 747-400 विमान है। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप एयर फोर्स वन विमान में सफर करते हैं, यह विमान सारे सुरक्षा तंत्र लगे होते हैं जो किसी भी हमले को नाकाम कर सकें।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के दौरे पर सोमवार को आए हुए हैं। अमहदाबाद में उनका स्वागत भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकॉल को तोड़कर किया। इसके बाद अन्य कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा ले रहे हैं। इन सबके बीच जो सर्वाधिक आकर्षण का केंद्र है वह डोनाल्ड ट्रंप का विमान है। जिस विमान से ट्रंप भारत आए हुए हैं। ऐसे में आइए इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के भारत दौरे की खबरों के बीच उनका विशेष विमान एयर फोर्स वन फिर से चर्चा में है। दुनिया के सबसे ताकतवर व्यक्ति जब विदेश दौरे पर होते हैं तो उड़ान के दौरान आसमान में भी उनकी सुरक्षा के कड़े इंतजाम होते हैं। एयर फोर्स वन में वो सारे सुरक्षा तंत्र लगे होते हैं जो किसी भी हमले को नाकाम कर सकें।
जब बात ट्रंप के एयर फोर्स वन की हो रही हो तो लाजिमी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष विमान एयर इंडिया वन के बारे में जानने की उत्सुकता हो। तो आइए जानते हैं, मोदी और ट्रंप के विशेष विमानों,के बारे में जिस एयर इंडिया वन और एयर फोर्स वन से वह दोनों यात्रा करते हैं।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष विमान एयर इंडिया वन के नाम से जाना जाता है। यह बोइंग 747-400 विमान है। यह विमान राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की हवाई यात्रा में इस्तेमाल होता है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति का विशेष विमान एयरफोर्स वन खास तरीके से निर्मित बोइंग 747-200B सीरीज के विमानों में से एक है।
एयर इंडिया वन एक 'उड़ता हुआ किला' है जिसमें आधुनिक संचार उपकरण लगे हैं। एयर इंडिया वन का डिप्लॉयमेंट नई दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट स्थित द एयर हेडक्वॉर्टर्स कम्यूनिकेशन स्क्वैड्रन के अधीन होता है।
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति के एयर फोर्स वन का डिप्लॉयमेंट अमेरिकी वायुसेना के अधीन होता है। ट्रंप के विमान को भी 'उड़ता वाइट हाउस' ही माना जाता है। विमान में होने के बाद भी अमेरिकी राष्ट्रपति किसी से भी कनेक्ट रह सकते हैं और अमेरिका पर हमला होने की स्थिति इस विमान को मोबाइल कमांड सेंटर की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। एयरफोर्स वन के रखरखाव और संचालन की जिम्मेदारी प्रेसिडेंशियल एयरलिफ्ट ग्रुप की होती है।
यह ग्रुप व्हाइट हाउस मिलिट्री ऑफिस का हिस्सा होता है। एयरलिफ्ट ग्रुप को 1944 में प्रेसिडेंशियल पायलट ऑफिस के रूप में अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रेंकलिन डी रूजवेल्ट के निर्देश पर स्थापित किया गया। यह विमान की लगभग पूरी लंबाई के साथ चलता है। इसमें रक्षा उपकरण, रडार जैमर, रेडियो एंटीना और साइबर हमले या मिसाइल हमले को पहचानने के लिए सेंसर होते हैं।