15 जून का इतिहासः देश में आज ही के दिन पड़ी थी बंटवारे की नींव, जिसमें खिंची नफरत की लकीर
By भाषा | Published: June 15, 2018 12:44 PM2018-06-15T12:44:37+5:302018-06-15T12:44:37+5:30
बंटवारे के उस दुखद इतिहास में 15 जून का दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस ने 1947 में 14-15 जून को नई दिल्ली में हुए अपने अधिवेशन में बंटवारे के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
नई दिल्ली, 15 जून: बंटवारे को देश के इतिहास की सबसे दुखद घटनाओं में शुमार किया जाता है। रातों रात लाखों लोगों की तकदीर बदल गई। कोई बेघर हुआ तो कोई अपने परिवार से बिछड़ गया। बंटवारे ने दो देशों के बीच ही नहीं बल्कि लोगों के दिलों में भी नफरत के खंजर से एक ऐसी लकीर खींच दी, जिससे आज भी लहू रिसता रहता है।
बंटवारे के उस दुखद इतिहास में 15 जून का दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस ने 1947 में 14-15 जून को नई दिल्ली में हुए अपने अधिवेशन में बंटवारे के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। आजादी की आड़ में अंग्रेज भारत को कभी न भरने वाला एक जख्म दे गए।
इतिहास में आज की तारीख पर दर्ज अन्य घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:
1896: जापान के सानरिकू तट पर आई सूनामी में करीब 22,000 लोगों की मौत।
1908: कलकत्ता शेयर बाजार की शुरुआत।
1947: अखिल भारतीय कांग्रेस ने नई दिल्ली में भारत के विभाजन के लिए ब्रिटिश योजना स्वीकार की।
1954: यूरोप के फुटबॉल संगठन UEFA (यूनियन ऑफ यूरोपियन फुटबाल एसोसिएशन) का गठन।
1982: फाकलैंड में अर्जेन्टीना की सेना ने ब्रिटिश सेना के सामने घुटने टेके।
1988: नासा ने स्पेस व्हिकल एस-213 लॉन्च किया।
1994: इस्रायल और वैटीकन सिटी में राजनयिक संबंध स्थापित।
1997: आठ मुस्लिम देशों द्वारा इस्तांबुल में डी-8 नामक संगठन का गठन।
1999: लाकरबी पैन एम. विमान दुर्घटना के लिए लीबिया पर मुकदमा चलाने की अमेरिकी अनुमति।
2001: शंघाई पांच को शंघाई सहयोग संगठन का नाम दिया गया। भारत और पाकिस्तान दोनों को सदस्यता न देने का निर्णय।
2004: ब्रिटेन के साथ परमाणु सहयोग को राष्ट्रपति बुश की स्वीकृति मिली। 2006 - भारत और चीन ने पुराना सिल्क रूट खोलने का निर्णय लिया।
2008: आक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पहली बार अल्ट्रावायलेट प्रकाश का विस्फोट कर बड़े सितारों की अंतिम स्थिति देखी।
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