Kisan Andolan: सरकार आंदोलनकारी किसानों में फूट डालने में जुटी, विपक्ष ने भी खोला मोर्चा

By शीलेष शर्मा | Published: December 8, 2020 08:14 PM2020-12-08T20:14:35+5:302020-12-08T21:34:32+5:30

किसानों के प्रदर्शन पर राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि अगर संसदीय प्रक्रिया पूरी की जाती तो ये नौबत नहीं आती, जिस तरह से संसद के अंदर तमाशे हुए, विपक्ष की बात नहीं सुनी गई, जल्दी में कानून बना दिए गए।

Kisan Andolan delhi chalo haryana punjab farmer protest pm narendra modi bjp congress cpi | Kisan Andolan: सरकार आंदोलनकारी किसानों में फूट डालने में जुटी, विपक्ष ने भी खोला मोर्चा

राकांपा नेता शरद पवार के सरकारी आवास पर एकत्रित हो रहे हैं। (photo-ani)

Highlights किसानों से पहले बात कर बिल पास होता तो ये नौबत ही नहीं आतीलगातार 13 दिन से दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश बार्डर पर प्रदर्शन जारी है।

नई दिल्लीः किसान आंदोलन में फूट डालने में जुटी सरकार की रणनीति को नाकाम करने के लिये विपक्ष ने भी अपनी नयी रणनीति बनाने के लिये आपसी चर्चा शुरू कर दी है।

विपक्ष ने यह कदम तब उठाया जब उसे जानकारी मिली कि  कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और अमित शाह ,राजनाथ सिंह तथा मनोहर लाल खट्टर की मदद से किसानों को अलग अलग बुलाकर उनको आंदोलन से दूर हटाने की कोशिश कर रहे हैं। 

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इसी क्रम में कल सुबह राकांपा नेता शरद पवार के सरकारी आवास पर एकत्रित हो रहे हैं ,जिन नेताओं ने समाचार लिखे जाने तक बैठक में हिस्सा लेने के हामी भरी है उनमें राहुल गाँधी ,सीताराम येचुरी, डी राजा , कानिमोझी के नाम प्रमुख हैं। प्राप्त संकेतों के अनुसार टीएमसी ,सपा ,आरजेडी सहित दूसरे दल भी इस बैठक में शिरकत कर सकते हैं। 

विपक्ष के यह नेता आपसी चर्चा के बाद जहाँ आगे की रणनीति को अंतिम रूप देंगे ,वहीं कल शाम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से होने वाली मुलाक़ात के लिये ज्ञापन भी तैयार करेंगे,जो राष्ट्रपति को मुलाक़ात के दौरान सौंपा जायेगा। एक तरफ कांग्रेस विपक्ष के साथ रणनीति बना रही है तो दूसरी तरफ पार्टी ने भूपेंद्र हुड्डा ,सुनील जाखड़ सहित किसानों से संपर्क वाले नेताओं को मैदान में उतार दिया है।

ताकि वह किसान नेताओं से बात कर सुनिश्चित करें कि सरकार के साथ किसी मुलाक़ात में जब तक सरकार तीनों किसान विरोधी क़ानूनों को वापस लेने पर राज़ी नहीं होती कोई समझौता मंज़ूर न करें, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने मीडिया से बात करते हुये साफ़ किया कि तीनों क़ानूनों में सुधार की कोई गुंजाईश नहीं है ,सरकार जिन सुधारों की बात कर रही है उसके लिये संसद का सत्र बुलाये और चर्चा करे लेकिन उसे पहले तीनों क़ानून वापस लेने होंगे।  

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