कृषि कानूनः तेजस्वी यादव कुर्सी तो जगदानंद सिंह जमीन पर बैठे, जदयू ने कहा-राजद नेता ने मंशा जाहिर कर दी
By एस पी सिन्हा | Published: December 5, 2020 08:18 PM2020-12-05T20:18:17+5:302020-12-05T20:19:42+5:30
बिहार के पटना में महागठबंधन के नेता किसान आंदोलन पर धरना दिया. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, आरजेडी के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह समेत तमाम नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए.
पटनाः केन्द्र सरकार के द्वारा लाये गये नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में राजद के द्वारा पटना में धरना दिये जाने और उसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के कुर्सी पर बैठने और के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह समेत तमाम नेता और कार्यकर्ताओं के नीचे जमीन पर बैठने को लेकर जदयू ने निशाना साधा है.
इस धरना प्रदर्शन पर जदयू के नेता पूर्व मंत्री व विधान पार्षद नीरज कुमार ने एक तस्वीर का हवाला देते हुए पलटवार किया है. तस्वीर आज के धरना स्थल की है. नीरज कुमार ने कहा कि जगदाबाबू को कदमों के नीचे बिठाकर तेजस्वी ने अपनी मंशा जाहिर कर दी है. किसान उनके झांसे में नहीं आने वाले हैं.
नीरज कुमार ने अपने बयान में यह पूछा है कि माननीय तेजस्वी यादव यह बतायेंगे कि क्या पिता तुल्य जगदानद बाबू, उम्र में बडे़ माननीय मदन मोहन झा, माननीय अजीत शर्मा (कांग्रेस नेता) को तथाकथित फर्जी आंदोलन में अपने कदमों के तले बैठा कर मन में सामाजिक घृणा का प्रकटीकरण किया है?
क्या स्वर्गीय रघुवंश बाबू जैसे सम्मानित नेता को एक भाई द्वारा ''एक लोटा पानी कहकर'' अपमानित करना, विधानसभा चुनाव 2020 में सामाजिक समूह का भाषायी अपमान किया, माननीय जगदा बाबू, माननीय मदन मोहन झा, माननीय अजीत शर्मा को कदमों के नीचे बैठा कर अपने पिता की तरह ही विशेष सामाजिक समूह के प्रति अपमान प्रकट किया है. क्या माननीय तेजस्वी यादव ने अपने संवाददाता सम्मेलन में किसान संगठनों एवं किसानों से अनशन स्थल पर आकर समर्थन की अपील की थी, जिन्होंने आपके आह्वान को नकार दिया?
माननीय तेजस्वी यादव चुनावी हार के बाद आप भूल गए...
उन्होंने कहा है कि माननीय तेजस्वी यादव चुनावी हार के बाद आप भूल गए कि झारखंड और बिहार अलग-अलग राज्य है, झारखंड में आपके पिता लालू प्रसाद के लिए खास कानून है जिसका सामना झारखंड उच्च न्यायालय में करना पड़ रहा है. जबकि बिहार में माननीय नीतीश कुमार जी के शासन काल में खास और आम के लिए एक ही कानून है.
लेकिन आप तो राजनैतिक कोरोना के शिकार हैं, पारिवारिक विरासत कानून तोड़ने का रहा है. इसलिए अनुमति लेना अथवा नियम का पालन करना आपके राजनैतिक संस्कार में एजेंडा ही नहीं रहा है. नीरज कुमार ने आगे कहा है कि आपको तो धरना का निर्णय लेने के पहले जरूर विचार करना चाहिए था कि राष्ट्रपिता महात्मा गॉंधी जो सामाजिक और राजनैतिक आचरण के मामले में आइकॉन माने जाते हैं स्वयं भ्रष्टाचार एवं आपाराधिक मामले में आरोपी होने के कारण जाने से परहेज करना चाहिए था लेकिन कानून ने आपको आइना दिखा दिया.
तेजस्वी यादव धरना स्थल पर अन्य लोगों के बीच कुर्सी पर बैठे हैं
दरअसल, तस्वीर में राजद नेता तेजस्वी यादव धरना स्थल पर अन्य लोगों के बीच कुर्सी पर बैठे हैं. जबकि बाकी के लोग जमीन पर बैठे हुए नजर आ रहे हैं. दिग्गज नेता जगदानंद सिंह भी तेजस्वी यादव के पीछे जमीन पर बैठे हुए हैं. इसी को लेकर जदयू ने राजद पर पलटवार किया है और कहा है कि जो लोग बड़ों की इज्जत नहीं कर सकते, वे किसानों के साथ कैसा व्यवहार करेंगे?
यहां बता दें कि आज तेजस्वी यादव की अगुवाई में महागठबंधन के नेता गांधी मैदान में गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना देने वाले थे. लेकिन प्रशासन की ओर से इसकी अनुमति नहीं मिली. इसके बाद गांधी मैदान के गेट नंबर चार पर ही तेजस्वी के नेतृत्व में कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए.
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि केंद्र के किसान और मजदूर विरोधी फैसलों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सहभागी हैं. केंद्र सरकार आज जो बातचीत कर रही है, वह कानून बनाने से पहले होनी चाहिए थी. उन्होंने राज्य के सभी किसानों और संगठनों से बिल के खिलाफ सडकों पर उतरने की अपील की।. नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार कृषि क्षेत्र को भी प्राइवेट कंपनियों को देने की साजिश रच दी है.