अपहृत फौजी की कश्मीर में आतंकवादियों ने की हत्या, शव नहीं दिया
By सुरेश एस डुग्गर | Published: August 9, 2020 06:35 PM2020-08-09T18:35:51+5:302020-08-09T18:35:51+5:30
आतंकवादियों ने जारी ऑडियो में कहा कि शाकिर मंजूर की गतिविधियों पर बीते कई दिनों से नजर रखे हुए थे। शाकिर के शव को दफानाने की बात ऑडियो में कही गई है।
जम्मू, 9 अगस्त। शौपियां से अपहृत प्रादेशिक सेना के जवान की आतंकवादियों ने हत्या कर दी है। ईद की छुट्टी पर आए जवान का गत रविवार को आतंकवािदयों ने अपहरण कर लिया था और उसकी कार को आग लगा दी थी। आतंकवादियों ने आडियो जारी कर इसकी जानकारी दी है।
आतंकवादियों ने जारी आडियो में कहा कि शाकिर मंजूर की गतिविधियों पर बीते कई दिनों से नजर रखे हुए थे। वह कश्मीर में जारी जिहाद के खिलाफ काम कर रहा था। इसमें शाकिर मंजूर के शव को दफनाए जाने का जिक्र भी किया गया। फिलहाल पुलिस ने इस आडियो संदेश पर संदेह जताया है।
ऑडियो में आगे कहा गया कि अगर शाकिर मंजूर का शव उसके परिजनों को सौंप देते तो जनाते में भीड़ जमा होती। ऐसे हालात में लोगों को कोरोना वायरस महामारी के फैलने की आशंका रहती है इसलिए शाकिर मंजूर के शव को दफना दिया गया है।
पुलिस का कहना था कि वे इस आडियो संदेश की सत्यता की पुष्टि नहीं करते हैं। पुलिस का कहना था कि वे मंजूर की तलाश फिलहाल बंद नहीं करेंगें क्योंकि उसके जीवित या मृत होने का कोई पुख्ता सबूत उन्हें नहीं मिला है। हालांकि मंजूर के अब्बाजान ने कल आतंकियों से अपील की थी कि अगर उसके बेटे की हत्या कर दी गई है तो उसका शव उन्हें सौंप दिया जाए।
जानकारी के लिए आतंकियों ने इससे पहले जून 2018 में बकरीद पर घर आ रहे पुंछ निवासी जवान औरंगजेब का दक्षिणी कश्मीर के शादीमर्ग इलाके से अपहरण कर लिया था। बाद में जवान की हत्या कर दी थी।
इसी तरह शादी के सिलसिले में घर गए लेफ्टिनेंट उमर फैय्याज की आतंकियों ने नौ मई, 2017 को अपहरण करने के बाद हत्या कर दी थी। हत्या से पहले उसे काफी यातनाएं दी गई थीं।
इन दो घटनाओं के अलावा एसपीओ, पुलिसकर्मियों और जवानों के अपहरण की और भी कई घटनाएं हुई हैं।