खुदाबख्श ओरिएंटल लाइब्रेरीः पूर्व आईपीएस अमिताभ दास ने पुलिस मेडल लौटाने का लिया निर्णय, सीएम नीतीश पर लगाए कई आरोप

By एस पी सिन्हा | Published: April 12, 2021 06:32 PM2021-04-12T18:32:00+5:302021-04-12T18:33:04+5:30

खुदा बख्श लाइब्रेरी के एक हिस्से पर मंडरा रहे खतरे के बीच इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है.

Khuda Bakhsh Oriental Library Former IPS Amitabh Das decided return police medal many allegations against CM Nitish | खुदाबख्श ओरिएंटल लाइब्रेरीः पूर्व आईपीएस अमिताभ दास ने पुलिस मेडल लौटाने का लिया निर्णय, सीएम नीतीश पर लगाए कई आरोप

लाइब्रेरी की न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति है. (file photo)

Highlightsसोशल मीडिया पर विरोध शुरू हो गया है.खुदाबख्श लाइब्रेरी के कुछ हिस्सों पर हथौड़ा चलाये जाने की तैयारी है. शैक्षणिक जगत में इस लाइब्रेरी का महत्वपूर्ण योगदान है.

पटनाः पटना का ऐतिहासिक खुदाबख्श ओरिएंटल लाइब्रेरी के कुछ भाग को तोडे़ जाने की चर्चा के बीच अब सरकार के इस निर्णय का विरोध शुरू हो गया है.

पटना में कारगिल चौक से पीएमसीएच होते हुए एनआईटी मोड तक बनने वाले एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण में खुदाबख्श लाइब्रेरी के कुछ हिस्सों पर हथौड़ा चलाये जाने की तैयारी है. हालांकि अब तक जमीन का अधिग्रहण नहीं हुआ है, लेकिन सोशल मीडिया पर विरोध शुरू हो गया है.

इसी कडी में सरकार की योजना के खिलाफ पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास ने अपना पुलिस पदक राष्ट्रपति को लौटाने के संबंध में पत्र लिखा है. यह पत्र तेजी से वायरल हो रहा है. हालांकि इस पत्र की पुष्टि नहीं हो पाई है. वर्ष 1994 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी रहे अमिताभ दास ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे पत्र में कहा है- "बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भ्रष्ट ठेकेदारों और टेंडर माफिया के आदेश पर पटना की ऐतिहासिक खुदा बख्श लाइब्रेरी के कुछ हिस्सों को जमींदोज करने का फैसला किया है.

खुदा बख्श लाइब्रेरी पूरी इंसानियत की विरासत है. हिंदुस्तान की गंगा-जमुनी तहजीब की निशानी है. पूरा बिहार, इस पर गर्व करता है. एक पुस्तक-प्रेमी होने के नाते, मुझे सरकार के फैसले से गहरा सदमा लगा है. मैंने बरसों तक, एक आईपीएस अधिकारी के रूप में देश को अपनी सेवाएं दी है.

नीतीश सरकार द्वारा पटना की खुदा बख्श लाइब्रेरी को जमींदोज करने के फैसले के खिलाफ, मैं भारत सरकार द्वारा प्रदत पुलिस पदक आपको लौटा रहा हूं. इससे पहले अमिताभ कुमार दास. वहीं कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भी इसपर विरोध जताते हुए कहा है कि शैक्षणिक जगत में इस लाइब्रेरी का महत्वपूर्ण योगदान है. लाइब्रेरी की न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति है.

ऐतिहासिक अध्ययनों का भी यह बडा केंद्र है. ऐसी स्थिति में इस लाइब्रेरी की एक ही जमीन को नुकसान पहुंचाना पूरे शैक्षणिक व बौद्धिक जगत के लिए दुखदायी खबर है. नेताओं के अनुसार एक तरफ जहां सरकार विरासत एवं घरोहरों को बचाने की कोशिश कर रही है. वहीं दूसरी ओर हैरिटेज बिल्डिंग को तोडने का फैसला समझ से परे है.

सरकार के इस कदम का बिहार और पूरे देश के शिक्षा प्रेमी कैसे समर्थन करेंगे? हमलोग फ्लाईओवर निर्माण के विरोधी नहीं लेकिन लाइब्रेरी को बिना क्षति पहुंचाये फ्लाईओवर का निर्माण की मांग करते हैं. कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि हैरिटेज घोषित किए गए भवनों से छेडछाड और फ्लाईओवर बनाने के नाम पर खुदा बख्श ओरिएंटल लाइब्रेरी को नुकसान पहुंचाने की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए.

यहां उल्लेखनीय है कि प्रस्तावित योजना के मुताबिक, कारगिल चौक से पीएमसीएच होते हुए एनआईटी मोड तक बनने वाले एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण में खुदाबख्श लाइब्रेरी के 64 मीटर लंबे और पांच से छह मीटर चौड़े हिस्से का उपयोग एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए किया जाना है. जिस हिस्से की जमीन का अधिग्रहण किया जाना है, वह लाइब्रेरी के मुख्य भवन और नवनिर्मित बहुमंजिले भवन का हिस्सा नहीं है.

केवल कर्जन रीडिंग रूम के लगभग पांच गुना बारह मीटर हिस्से का अधिग्रहण होना है. साहित्यकारों और प्रबुद्ध लोगों द्वारा जब जमीन अधिग्रहण का विरोध शुरू किया गया तब पथ निर्माण विभाग के आला अधिकारियों ने स्थल निरीक्षण कर स्थिति की समीक्षा की है. पटना का खुदा बख्श लाइब्रेरी करीब 130 साल पुराना है.

यूनेस्को द्वारा हेरिटेज बिल्डिंग घोषित खुदा बख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी 1891 में खोला. तब से यह रीडिंग हॉल हमेशा चहल-पहल भरा रहा है, जहां आकर दुनियाभर के छात्र, विद्वान और शोधकर्ता अपने कैरियर को नया आयाम देने की कोशिश करते हैं.

Web Title: Khuda Bakhsh Oriental Library Former IPS Amitabh Das decided return police medal many allegations against CM Nitish

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