Khatauli assembly by-election 2022: राजकुमारी सैनी, मदन भैया और दंगे में मारे गए युवक गौरव की मां सुरेश देवी में त्रिकोणीय मुकाबला

By शरद गुप्ता | Published: November 19, 2022 07:56 PM2022-11-19T19:56:32+5:302022-11-19T19:57:46+5:30

Khatauli assembly by-election 2022: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में हो रहे खतौली विधानसभा का उपचुनाव भी कम दिलचस्प नहीं है.

Khatauli assembly by-election 2022 issue 10 year old communal riot contest Rajkumari Saini, Madan Bhaiya and Suresh Devi mother of Gaurav youth killed riots | Khatauli assembly by-election 2022: राजकुमारी सैनी, मदन भैया और दंगे में मारे गए युवक गौरव की मां सुरेश देवी में त्रिकोणीय मुकाबला

मुद्दा बिजली-सड़क-पानी नहीं है, बल्कि 10 साल पुराना एक सांप्रदायिक दंगा है.

Highlightsमुद्दा बिजली-सड़क-पानी नहीं है, बल्कि 10 साल पुराना एक सांप्रदायिक दंगा है.दो साल की सजा पाने के बाद वर्तमान भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी की सदस्यता रद्द कर दी गई.भाजपा ने सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी को उम्मीदवार बनाया है और राष्ट्रीय लोक दल ने पूर्व विधायक मदन गोपाल पुर मदन भैया को.

नई दिल्लीः देश की निगाहें भले ही हिमाचल और गुजरात के विधानसभा चुनाव और दिल्ली नगर निगम चुनाव पर हों, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में हो रहे खतौली विधानसभा का उपचुनाव भी कम दिलचस्प नहीं है.

यहां मुद्दा बिजली-सड़क-पानी नहीं है, बल्कि 10 साल पुराना एक सांप्रदायिक दंगा है जिसके लिए दो साल की सजा पाने के बाद वर्तमान भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी की सदस्यता रद्द कर दी गई. इस बार भाजपा ने सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी को उम्मीदवार बनाया है और राष्ट्रीय लोक दल ने पूर्व विधायक मदन गोपाल पुर मदन भैया को.

लेकिन चुनाव में दिलचस्प मोड़ दंगे में मारे गए युवक गौरव की मां सुरेश देवी के बतौर निर्दलीय उम्मीदवार उतरने से आ गया है. जानसठ कोतवाली क्षेत्र के गांव कवाल में 27 अगस्त 2013 को एक छात्रा के साथ कालेज से लौटते समय छेड़छाड़  का आरोप कवाल निवासी शाहनवाज पर लगा था. लड़की के घरवालों द्वारा पिटाई के बाद उसकी मृत्यु हो गई.

बदले में दूसरे संप्रदाय के लोगों ने युवती के दो फुफेरे भाइयों गौरव और सचिन को भी पीट-पीटकर मार डाला. इस घटना के बाद एक सप्ताह तक जाटों और मुसलमानों के बीच जमकर आगजनी और दंगा हुआ जिसमें 60 लोगों की जानें गई और हजारों बेघर हो गए थे. अगले वर्ष हुए लोकसभा चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव में न सिर्फ भाजपा ने इस घटना को चुनावी मुद्दा बनाया था.

बल्कि घटना के आरोपियों को टिकट भी दिए. इसी दंगे में दोषी पाए जाने पर खतौली से भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को गत 11 अक्टूबर को 2 वर्ष की सजा हुई थी. सुरेश देवी के पति रविंद्र सिंह का अपने भाषणों में भाजपा पर दंगों का चुनावी लाभ लेने का आरोप लगा रहे हैं.

उनका कहना है इन दंगों के बाद हुए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के चलते ही भाजपा ने लोकसभा और विधानसभा में उत्तर प्रदेश में अप्रत्याशित सीटें जीतीं. इस बार उसे यह लाभ नहीं लेने देंगे। उन्होंने खतौली के पूर्व विधायक विक्रम सैनी समेत अन्य बड़े नेताओं पर नौ साल तक दंगे को भुनाने का आरोप लगाया। साथ ही गौरव की मां सुरेश देवी के खतौली सीट से उपचुनाव लड़ने का एलान भी किया।

रविंद्र सिंह ने कहा कि आज तक सरकार का कोई भी प्रतिनिधि उनके गांव के हाल-चाल लेने नहीं आया. यहां सब वर्ग एवं धर्म के लोग आपसी सद्भावना के साथ रह रहे हैं. निर्दोष होने के बावजूद परिवार को अदालती लड़ाई अपने आप लड़नी पड़ रही है.  इसलिए अब परिवार ने राजनीति में उतरने का निर्णय लिया है. कवाल कांड की वजह से विधायक होने वाले विक्रम सिंह सैनी की पत्नी के मैदान में उतरने से चुनाव में दंगे ही एक बार फिर मुद्दा बन गए हैं. खास तौर पर सुरेश देवी के भाजपा पर इस मुद्दे का चुनावी लाभ लेने के आरोपों के बाद.

नेताओं ने बटोरे वोट, मां ने बहाए आंसू

रविंद्र सिंह का कहना है कि पिछले 10 वर्षों के दौरान शायद ही कोई दिन ऐसा बीता हो जब उनकी पत्नी ने अपने बेटों को याद करते हुए आंसू ना बहाए हों जबकि राजनेताओं ने उनकी मौत को मुद्दा बनाकर वोट बटोरे और एसी घरों और दफ्तरों में बैठे रहे. इस बार चुनाव उनकी पत्नी नहीं बल्कि पूरा खतौली लड़ रहा है.

भाजपा का जवाब

मुजफ्फरनगर जिला भाजपा अध्यक्ष विजय शुक्ला रविंद्र सिंह के आरोपों को गलत बताते हुए कहते हैं कि हर वर्ष सचिन और गौरव की बरसी पर पार्टी कवाल में कार्यक्रम करती रही है. उनकी लड़ाई पूरी भाजपा लड़ रही है. उन्हीं की लड़ाई के चलते विक्रम सिंह सैनी की विधायकी चली गई.

हिंदुत्व की लहर

भाजपा नेताओं का मानना है कि मुजफ्फरनगर में हिंदुत्व की लहर है. पिछले चुनाव में सैनी एक लाख से अधिक वोट पाकर अपने निकटतम प्रत्याशी रालोद के राजपाल सैनी से 16000 वोटों से जीते थे. इस बार उनकी पत्नी को भी जीतने में कोई मुश्किल नहीं होगी.

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