'खान मार्केट गैंग' पर चुप्पी चौंकाने वाली, PM मोदी ने की थी व्यंग्यात्मक टिप्पणी
By हरीश गुप्ता | Published: May 16, 2019 05:52 AM2019-05-16T05:52:03+5:302019-05-16T05:52:03+5:30
धानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ‘लुटियन’ के दिल्ली वालों पर हमला करते थे, लेकिन इस बार उन्होंने खान मार्केट को निशाना बनाते हुए उसकी ब्रांडिंग ‘गैंग’ के रूप में की है.
जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘खान मार्केट गैंग’ के बारे में व्यंग्यात्मक टिप्पणी की है, तब से 500 से अधिक दुकानों और भोजनालयों से गुलजार इस मार्केट परिसर में चौंकाने वाला सन्नाटा पसरा है. न तो दुकानदार और न ही आगंतुक यह अनुमान लगा पा रहे हैं कि मोदी ने ‘खान मार्केट’ को उन लोगों को निशाना बनाने के लिए क्यों चुना जो उनको हटाने के लिए साजिश रच रहे हैं. खान मार्केट एसोसिएशन ने दो दिन पहले आपात बैठक बुलाकर अपने सभी सदस्यों को कोई बयान जारी नहीं करने का निर्देश दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ‘लुटियन’ के दिल्ली वालों पर हमला करते थे, लेकिन इस बार उन्होंने खान मार्केट को निशाना बनाते हुए उसकी ब्रांडिंग ‘गैंग’ के रूप में की है.
खान मार्केट एसोसिएशन ने दो दिन पहले आपात बैठक बुलाकर अपने सभी सदस्यों को कोई बयान जारी नहीं करने का निर्देश दिया. साथ ही सभी पक्षों से भी कहा गया था कि वे आगंतुकों और दुकानदारों के साथ इस विषय पर कोई चर्चा नहीं करें. ‘लोकमत समाचार’ ने इस संबंध में जब एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव मेहरा से संपर्क किया, तो उन्होंने पहले कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
हालांकि बाद में उन्होंने स्वीकार किया कि हाल ही में सदस्यों की बैठक हुई थी. इसके अलावा उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. सूत्र बताते हैं कि राजनेताओं में लालकृष्ण आडवाणी खान मार्केट में किताबें खरीदने के लिए आते थे, जबकि गांधी खरीदारी और खाने के लिए अक्सर वहां जाते थे. हालांकि पिछले कुछ महीने से वहां किसी गांधी को नहीं देखा गया. आडवाणी लंबे समय से वहां नहीं जा रहे हैं. स्मृति ईरानी भी कुछ चीजों की खरीदारी के लिए कई बार दिखाती हैं.
यह कहा था इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था,‘‘मोदी की छवि खान मार्केट गैंग या लुटियंस दिल्ली ने नहीं बनाई है. यह 45 वर्षों की कड़ी मेहनत से बनी है. आप इसे ध्वस्त नहीं कर सकते, लेकिन लुटियंस और खान मार्केट गैंग ने एक पूर्व प्रधानमंत्री की इमेज जरूर बनाई थी.’’ 1951 में स्थापित खान मार्केट का नाम स्वतंत्रता सेनानी खान अब्दुल जब्बार खान के नाम पर पड़ा, जो खान अब्दुल गफ्फार खान के भाई थे.