देश में कपड़ा उत्पादन में खादी की हिस्सेदारी पांच साल में हुई दोगुनी
By भाषा | Published: June 18, 2019 06:42 PM2019-06-18T18:42:42+5:302019-06-18T18:42:42+5:30
सक्सेना ने कहा कि खादी कपड़ों के उत्पादन में लगे कारीगरों की संख्या भी इस दौरान बढ़ी है। सरकार की सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र के लिये शुरू की गई नई नीतियों और पहलों से हाल के वर्षों में इसमें तेजी आई है।
देश के कुल कपड़ा उत्पादन में खादी कपड़े की हिस्सेदारी पिछले पांच साल में बढ़कर दोगुनी हो गयी है। वित्त वर्ष 2014-15 में यह 4.23 प्रतिशत थी जो 2018-19 में बढ़कर 8.49 प्रतिशत तक पहुंच गई। खादी ग्रामोद्योग आयोग ने मंगलवार को बताया कि वित्त वर्ष 2014-15 में देश में कपड़ा मिलों में तैयार कपड़े का कुल उत्पादन 248.6 करोड़ वर्गमीटर था। इसमें खादी कपड़े की हिस्सेदारी 10.54 करोड़ वर्गमीटर रही जो 4.23 प्रतिशत के बराबर है।
इसी तरह 2018-19 में देश का मिल में तैयार कपड़ा उत्पादन गिरकर 2,01.2 करोड़ वर्गमीटर रहा। इसमें खादी की हिस्सेदारी 17.08 करोड़ वर्गमीटर रही जो 8.49 प्रतिशत के बराबर है। खादी ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खादी को अपनाने की अपील के चलते ही खादी का उत्पादन बढ़ाना संभव हो सका है। उन्होंने कहा कि कुल कपड़ा उत्पादन में खादी की हिस्सेदारी का बढ़ना, हमारे लिए उत्साहजनक है।
हिस्सेदारी का 4.23 प्रतिशत से बढ़कर 8.49 प्रतिशत हो जाना लगभग 200 प्रतिशत से अधिक वृद्धि को दिखाता है। वर्ष 1956 से 2013-14 तक खादी कपड़े का उत्पादन 10.53 करोड़ वर्गमीटर तक पहुंचा वहीं पिछले पांच साल में खादी का 6.54 करोड़ वर्गमीटर अतिरिक्त कपड़े का उत्पादन हुआ है।
सक्सेना ने कहा कि खादी कपड़ों के उत्पादन में लगे कारीगरों की संख्या भी इस दौरान बढ़ी है। सरकार की सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र के लिये शुरू की गई नई नीतियों और पहलों से हाल के वर्षों में इसमें तेजी आई है।
उन्होंने कहा, ‘‘रोजगार का दायरा बढ़ाने के लिये हमने नये खादी संस्थानों का पंजीकरण शुरू किया है। इसके साथ ही बंद हो चुके खादी संस्थानों को भी फिर से शुरू किया जा रहा है। इससे खादी कपड़ों के उत्पादन में लगे कारीगरों की संख्या बढ़कर 4,94,684 तक पहुंच गई है।’’