केरल की छात्रा ने सीजेआई को पत्र लिखा, कोविड के खिलाफ लड़ाई में न्यायालय की भूमिका को सराहा
By भाषा | Published: June 8, 2021 08:50 PM2021-06-08T20:50:31+5:302021-06-08T20:50:31+5:30
(संजीव कुमार)
नयी दिल्ली, आठ जून केरल की पांचवीं कक्षा की छात्रा ने देश के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन वी रमण को पत्र लिखकर कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में प्रभावी रूप से हस्तक्षेप करने और लोगों की जान बचाने के लिए उच्चतम न्यायालय की सराहना की है।
दस वर्षीय लिडविना जोसेफ भाग्यशाली रही क्योंकि भारत के प्रधान न्यायाधीश ने उसके पत्र का जवाब दिया और उसके ‘‘सुंदर पत्र’’ के लिए शुभकामनाएं दी और उसे भारतीय संविधान की एक हस्ताक्षरित प्रति भेंट की।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मुझे आपका सुंदर पत्र मिला है, साथ ही काम कर रहे न्यायाधीश का चित्रण करने वाला दिल को छू लेने वाला चित्र भी मिला है। जिस तरह से आपने देश में होने वाली घटनाओं पर नजर रखी और महामारी के मद्देनजर लोगों की भलाई के लिए आपने जो चिंता दिखाई है, उससे मैं वास्तव में प्रभावित हूं।’’ उन्होंने इस बच्ची की सफलता की कामना करते हुए कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि आप एक सतर्क, जागरूक और जिम्मेदार नागरिक के रूप में विकसित होंगी, जो राष्ट्र निर्माण में बहुत योगदान देगी।’’
त्रिशूर में केंद्रीय विद्यालय की छात्रा जोसेफ ने अपने पत्र में शीर्ष अदालत द्वारा कर्तव्यों के निर्वहन को चित्रित करते हुए एक चित्र भी संलग्न किया है, जिसमें एक न्यायाधीश को कोरोना वायरस पर प्रहार करते दिखाया गया है। जोसेफ ने पत्र में कहा है, ‘‘मैं दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में कोरोना के कारण हुई मौतों को लेकर बहुत चिंतित थी। अखबार से मुझे पता चला कि माननीय न्यायालय ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में आम लोगों की पीड़ा और मौत पर प्रभावी ढंग से हस्तक्षेप किया है।’’
जोसेफ ने कहा, ‘‘मैं खुश हूं और गर्व महसूस कर रही हूं कि माननीय अदालत ने ऑक्सीजन की आपूर्ति के आदेश दिए और कई लोगों की जान बचाई। मैं समझ गयी कि माननीय न्यायालय ने हमारे देश में विशेष रूप से दिल्ली में कोविड-19 और मृत्यु दर को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। इसके लिए मैं आपको धन्यवाद देती हूं। अब मैं बहुत गौरवान्वित और प्रसन्न महसूस कर रही हूं।
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