केरल वेतन पुनरीक्षण आयोग ने सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों के लिए वैधानिक भर्ती बोर्ड बनाने को कहा
By भाषा | Updated: September 3, 2021 15:18 IST2021-09-03T15:18:21+5:302021-09-03T15:18:21+5:30

केरल वेतन पुनरीक्षण आयोग ने सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों के लिए वैधानिक भर्ती बोर्ड बनाने को कहा
ग्यारहवें केरल वेतन पुनरीक्षण आयोग ने सरकारी सहायता प्राप्त निजी स्कूलों और कॉलेजों की भर्ती प्रक्रिया लोक सेवा आयोग (पीएससी) को सौंपने या इस मकसद के लिए एक वैधानिक भर्ती बोर्ड बनाने की राज्य सरकार से सिफारिश की है। सेवानिवृत्त नौकरशाह के मोहनदास की अध्यक्षता वाले आयोग ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त नियंत्रण होने चाहिए कि सरकारी वेतन प्राप्त करने के लिए व्यक्तियों का निजी प्रबंधन द्वारा चयन पारदर्शिता के साथ योग्यता के आधार पर हो। आयोग की रिपोर्ट बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को सौंपी गयी। रिपोर्ट में सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 56 वर्ष से बढ़ाकर 57 वर्ष करने, उनके कार्य दिवसों की संख्या कम कर सप्ताह में पांच दिन करने, सेवा के दौरान मरने वाले कर्मचारियों के परिवारों को पूर्ण पेंशन देने की भी सिफारिश की गयी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आयोग को महसूस होता है कि सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और कॉलेजों में नियुक्ति का जिम्मा पीएससी को सौंप देना आदर्श होता और दूसरा विकल्प इस मकसद के लिए एक वैधानिक भर्ती बोर्ड की स्थापना है। रिपोर्ट के अनुसार ‘‘आयोग निजी स्कूलों और कॉलेजों के लिए एक वैधानिक केरल भर्ती बोर्ड गठित करने की सिफारिश करता है।" रिपोर्ट में कहा गया है कि चयन समिति में पूर्णकालिक अध्यक्ष के अलावा विश्वविद्यालय, सरकार और प्रबंधन के प्रतिनिधि भी शामिल होने चाहिए। आयोग ने कहा कि साक्षात्कार को ऑडियो-वीडियो तरीके से रिकॉर्ड किया जाना चाहिए और रिकॉर्डिंग को भविष्य में सत्यापन के लिए सुरक्षित रखा जाना चाहिए। आयोग ने यह भी सिफारिश की कि सरकार शैक्षिक नियुक्तियों के लिए किसी कानून के जरिए लोकपाल स्थापित कर सकती है। इस बीच, डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) और युवा कांग्रेस सहित विभिन्न युवा संगठनों ने सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने की सिफारिश का विरोध किया है।
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