केरलः मत्स्य पालन मंत्री साजी चेरियन ने दिया इस्तीफा, कहा-मैंने कभी संविधान को बदनाम नहीं किया
By सतीश कुमार सिंह | Published: July 6, 2022 06:24 PM2022-07-06T18:24:19+5:302022-07-06T20:01:49+5:30
संविधान के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर विरोध का सामना कर रहे केरल के मंत्री साजी चेरियन ने इस्तीफे की घोषणा की।
तिरुवनंतपुरमः केरल के मंत्री साजी चेरियन ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। साजी चेरियन ने कहा कि मैंने इस्तीफा दे दिया है और यह मेरा निजी फैसला है। मैंने कभी संविधान को बदनाम नहीं किया। भाषण का एक खास हिस्सा लिया गया और मीडिया ने इसे CPIM और LDF को कमजोर करने के लिए गढ़ा है।
संविधान के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर केरल के सांस्कृतिक मामलों और मत्स्य पालन मंत्री साजी चेरियन के इस्तीफे के लिए विपक्ष के बढ़ते दबाव के बीच, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के शीर्ष नेताओं ने स्थिति का जायजा लेने के वास्ते बुधवार को यहां एकेजी केंद्र में बैठक की।
Kerala | I have resigned and it's my personal decision. I have never ever defamed the Constitution. A particular part from the speech was taken and the media fabricated it to weaken the CPIM and the LDF: Saji Cheriyan
— ANI (@ANI) July 6, 2022
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संविधान के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर विपक्ष व विभिन्न हलकों के बढ़ते दबाव के बीच केरल के मंत्री साजी चेरियन ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया। सांस्कृतिक और मत्स्य पालन विभाग के मंत्री चेरियन ने मुख्यमंत्री कार्यालय में संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
मंत्री पद से हटाए जाने की विपक्ष की मांग के बीच माकपा के वरिष्ठ नेता चेरियन ने कहा कि उन्होंने स्वेच्छा से पद छोड़ने का फैसला किया है। उन्होंने दोहराया कि संविधान का अपमान करने की उनकी कोई मंशा नहीं थी और वह इसका (संविधान का) बेहद सम्मान करते हैं। विजयन के नेतृत्व में एलडीएफ सरकार के दूसरे कार्यकाल में चेरियन पहले मंत्री हैं, जिन्होंने इस्तीफा दिया है।
चेरियन ने कहा कि उनके हालिया भाषण को गलत संदर्भ में लिया गया अथवा आशिंक रूप से चित्रित किया गया अथवा न्यूज मीडिया द्वारा कुछ इस तरह पेश किया गया, जिससे यह गलत संदेश गया कि उन्होंने संविधान का अपमान किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने जो कहा था, उसके इस तरह के चित्रण से मैं आहत हुआ। मैं यह भी मानता हूं कि इसका उद्देश्य सत्तारूढ़ वाम सरकार को अस्थिर करना है।’’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस और भाजपा संविधान की गरिमा को बरकरार रखने में कई बार विफल रहे हैं।