केरल हाईकोर्ट ने कम्युनिस्ट विधायक की सदस्यता रद्द की, ईसाई होकर SC सीट से लड़ा था चुनाव
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 20, 2023 02:36 PM2023-03-20T14:36:03+5:302023-03-20T14:42:30+5:30
केरल हाईकोर्ट ने सीपीएम के टिकट पर चुनाव जीतने वाले ए राजा की विधायकी रद्द कर दी है। अदालत ने उन्हें ईसाई होने के बावजूद जाली जाति प्रमाणपत्र बनाकर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने का दोषी पाया है।
तिरुवनंतपुरम: केरल हाईकोर्ट ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के टिकट पर चुनाव जीतने वाले ए राजा की विधायकी रद्द कर दी है। राजा पर जाली जाति प्रमाणपत्र बनाकर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने का आरोप था। अदालत ने पाया कि राजा ने खुद के ईसाई होने की बात छिपायी थी।
केरल हाईकोर्ट कांग्रेस नीत यूडीएफ के उम्मीदवार डी कुमार की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राजा की विधायकी रद्द कर दी लेकिन साथ ही कुमार को विजेता घोषित करने का अनुरोध भी खारिज कर दिया।
अदालत के फैसले के अनुसार चूंकि ए राजा हिन्दू धर्म छोड़कर ईसाई मजहब में कनवर्ट हो चुके परिवार से आते हैं तो उन्हें हिन्दू अनुसूचित जाति उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का हक नहीं है।
साल 2021 के केरल विधानसभा चुनााव में ए राजा ने देवीकुलम विधानसभा सीट से 7,848 वोटों से जीत हासिल की थी। ए राजा के अयोग्य घोषित किए जाने के बाद राज्य विधानसभा में माकपा की कुल सीटों की संख्या 98 रह जाएगी। स्थानीय मीडिया रपट के अनुसार केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ ए राजा सुप्रीमकोर्ट में अपील कर सकते हैं।
केरल विधानसभा की 140 सीटों के लिए 2021 में हुए चुनाव में माकपा नीत एलडीएफ को 99 और कांग्रेस नीत एलडीएफ को 41 सीटों पर जीत मिली थी। माकपा नेता पीनाराई विजयन लगातार दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे।