30 किलो सोना तस्करी मामले के तार केरल सीएम ऑफिस से जुड़े! पूर्व वाणिज्य दूतावास अफसर बनीं मुख्य आरोपी
By पल्लवी कुमारी | Published: July 7, 2020 09:27 AM2020-07-07T09:27:33+5:302020-07-07T09:27:33+5:30
तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डे पर एयर कस्टम के अधिकारियों ने हाल ही में 30 किलोग्राम से ज्यादा सोना जब्त किया है। सोना को मालवाहक विमान से लाया गया था। इस मामले में यूएई के वाणिज्यदूतावास का नाम सामने आ रहा है।
तिरुवनंतपुरम: केरल के तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डे से जुड़े एयर कस्टम के अधिकारियों ने हाल ही में 30 किलोग्राम सोना जब्त किया। इस मामले में केरल के सीएम ऑफिस के एक अधिकारी का नाम सामने आ रहा है। 30 किलोग्राम सोना एक मालवाहक विमान से आया था और कोच्चि के एक गोदाम में छुड़ाने के लिए रखा गया था। ये सोना दुबई से तस्करी कर लाया गया है। इस मामले में यूएई के पूर्व वाणिज्यदूतावास (UAE consulate officer) स्वप्ना सुरेश (Swapna Suresh) का नाम सामने आया है। उनको इस मामले का मुख्य आरोपी माना जा रहा है। स्वप्ना सुरेश केरल राज्य सूचना प्रौद्योगिकी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (केएसआईटीआईएल) की विपणन संपर्क अधिकारी भी हैं। जिसका कार्यालय राजधानी के मध्य में स्थित है।
एक रिपोर्ट में दावा किया है कि सीमा शुल्क से पता चला कि महिला (स्वप्ना सुरेश) फरार चल रही है, जबकि एक पूर्व वाणिज्य दूतावास पीआर सारथ को भी मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने पूरे मामले पर दी अपनी प्रतिक्रिया
टाइम्स नाउ ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के करीबी और राज्य के आईटी सचिव एम शिवशंकर (M Shivshankar) स्वप्ना सुरेश को बचाने में लगे हैं। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''मेरा कार्यालय आईटी विभाग के तहत स्वप्ना सुरेश की नियुक्ति से अनभिज्ञ था। मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है। हम यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि दोषियों के खिलाफ कार्रावाई होगी।''
जानें क्या है स्वप्ना सुरेश (Swapna Suresh)पर आरोप
इस मामले में गिरफ्तार पूर्व वाणिज्य दूतावास पीआर सारथ ने इस पूरे मामले में पूर्व यूएई वाणिज्य दूतावास स्वप्ना सुरेश का नाम लिया है। सीमा शुल्क के अधिकारियों के द्वारा पूछताछ में उसने बताया कि सोना को मंगाने के लिए वाणिज्य दूतावास की ओर से जाली दस्तावेज बनाए गए थे।
पीआर सारथ ने इस मामले में बताया कि पिछले महीने स्वप्ना सुरेश के आईटी विभाग में नियुक्ति के पीछे एम शिवशंकर थे। उन्हें फौरन स्पेस पार्क जैसे एक बेहद संवेदनशील प्रोजेक्ट में पोस्टिंग कर दी गई ताकि उनके खिलाफ अपराध शाखा के मामले को अनदेखा किया जा सके। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक कस्टम अधिकारियों ने स्वप्ना सुरेश के घर पर भी छापेमारी की है।
पीटीआई-भाषा ने नाम ना लिखते हुए जानकारी दी है कि 30 किलोग्राम से अधिक सोना जब्त किए जाने के संबंध में बाहर के एक देश के महावाणिज्य दूतावास के एक पूर्व कर्मी से पूछताछ की गई है। सीमा शुल्क के अधिकारियों ने रविवार (5 जुलाई) को कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर कार्गो के जरिए पहुंचे ‘‘राजनयिक सामान’’ में 30 किलोग्राम से अधिक सोना बरामद किया था। यह राजनयिक छूट का गलत इस्तेमाल कर किसी गिरोह द्वारा तस्करी की कोशिश का संदिग्ध मामला है।
सीमा शुल्क के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस बात की भी जांच की जा रही है कि माल को अनुमति देने के संबंध में अनधिकृत लोग कैसे जुड़े हो सकते हैं। सीमा शुल्क के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त पर सोमवार (6 जुलाई) को 'पीटीआई भाषा' को बताया कि इस मामले में वाणिज्यदूतावास के किसी कर्मी की संभावित भूमिका होने की भी जांच की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है।
मामले पर सियासत तेज, बीजेपी-कांग्रेस ने उठाए सवाल
इस मामले पर विपक्षी दल कांग्रेस और भाजपा दोनों ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर निशाना साधा और कहा कि सीएम और उनकी पार्टी स्वप्ना सुरेश को बचाने की कोशिश कर रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने मुख्यमंत्री के कार्यालय के खिलाफ तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जैसे ही स्वप्ना सुरेश मामले में आरोपी बनीं मुख्यमंत्री और आईटी सचिव के कार्यालय ने उन्हें रिहा करने के लिए सीमा शुल्क पर दबाव डाला। उन्होंने कहा कि मामले में उनकी संलिप्तता मुख्यमंत्री और आईटी सचिव के कार्यालय के फोन रिकॉर्ड की जांच से पता चल सकती है।