केंद्र के बाद अब केरल और तमिलनाडु सरकारों ने PFI और उसके सहयोगियों को 'गैरकानूनी संघ' घोषित किया
By अनिल शर्मा | Published: September 29, 2022 09:28 AM2022-09-29T09:28:03+5:302022-09-29T09:38:47+5:30
तमिलनाडु और केरल, दोनों सरकारों ने एक आदेश जारी कर PFI और उसके सहयोगियों को एक गैरकानूनी संघ घोषित किया है। देश भर में कई छापे और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा गिरफ्तारियों के बाद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर बुधवार को गृह मंत्रालय (MHA) ने पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया।
नई दिल्लीः केंद्र द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और इससे जुड़े आठ संगठनों पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाने के एक दिन बाद तमिलनाडु और केरल सरकारों ने गुरुवार को कट्टरपंथी संगठन को 'गैरकानूनी संघ' घोषित करने के आदेश जारी किए। यह आदेश राज्य सरकारों द्वारा गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 42 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किया गया है।
तमिलनाडु और केरल, दोनों सरकारों ने एक आदेश जारी कर PFI और उसके सहयोगियों को एक गैरकानूनी संघ घोषित किया है। देश भर में कई छापे और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा गिरफ्तारियों के बाद आतंकी फंडिंग में लिप्त कट्टरपंथी संगठन, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर बुधवार को गृह मंत्रालय (MHA) ने पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया।
ना सिर्फ पीएफआई बल्कि इसके सहयोगी संगठन - रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल - पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग कई राज्यों ने की थी। जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया गया है। 22 सितंबर और 27 सितंबर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और राज्य पुलिस ने पीएफआई पर छापेमारी की थी। पहले दौर की छापेमारी में पीएफआई से जुड़े 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। वहीं दूसरे दौर की छापेमारी में 247 पीएफआई सदस्यों को हिरासत में लिया गया। जांच एजेंसियों को संगठन के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले, जिसके आधार पर संगठन पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया।