भ्रष्टाचार पर लगाम लगाकर केजरीवाल सरकार ने दिल्ली का बजट बढ़ाया
By भाषा | Published: September 5, 2019 05:21 AM2019-09-05T05:21:19+5:302019-09-05T05:21:19+5:30
दिल्ली का बजट 29,000 करोड़ रुपये का होता था, उसे केजरीवाल सरकार ने बढ़ाकर 60,000 करोड़ रुपये कर दिया।
दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर बिजली और पानी को मुफ्त करने में सरकारी कोष की बर्बादी के विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुये आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा है कि सरकार ने जनता पर कर का बोझ बढ़ाये बिना अपने बजट को लगभग दोगुना तक कर लिया है और सरकार ने यह उपलब्धि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाकर हासिल की है।
आप की दिल्ली इकाई के संयोजक और केजरीवाल सरकार में मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कहा कि दिल्ली सरकार पर जो यह आरोप लगता है कि सरकार सब कुछ मुफ्त करने के चक्कर में जनता के पैसों को बर्बाद कर रही है, यह निराधार है। उन्होंने इस आरोप के जवाब में कहा, ‘‘दिल्ली का बजट 29,000 करोड़ रुपये का होता था, उसे केजरीवाल सरकार ने बढ़ाकर 60,000 करोड़ रुपये कर दिया।
इसके लिए उन्होने जनता पर एक रुपए का भी अतिरिक्त कर नहीं लगाया। बल्कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगायी।’’ राय ने कहा कि केजरीवाल देश के इकलौते ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने बिना कर बढ़ाये, भ्रष्टाचार रोक कर बजट को दोगना कर दिया।
उन्होंने कहा कि पार्टी द्वारा दिल्ली सरकार के पांच साल के कामकाज का लेखाजोखा जनता से लेने के लिये चलाये जा रहे जनसंवाद अभियान में भी विभिन्न इलाकों में पिछले पांच दिनों में जनता ने भी भ्रष्टाचार पर लगाम लगने की बात स्वीकार की है।
राय ने कहा कि बिजली पर सब्सिडी और मुफ्त पानी की उपलब्धता किसी का अहसान नहीं बल्कि जनता का हक है। राय ने दलील दी कि दिल्ली में 15 साल तक कांग्रेस और उससे पहले पांच साल तक भाजपा की सरकार थी, लेकिन दोनों में से किसी दल की सरकारों ने बिजली के बढ़ते बिल को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई।
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के संरक्षण में बिजली कंपनियां जनता से भारी भरकम बिल वसूल रही थीं लेकिन केजरीवाल सरकार ने इसके खिलाफ सख्त रुख अपना कर बिजली पानी के बेकाबू बिलों को काबू में कर जनता को उसका हक दिलाया है।