नए संसद भवन के उद्घाटन पर केसी वेणुगोपाल का तंज, बोले- "संसदीय लोकतंत्र के लिए काला दिन"
By अंजली चौहान | Published: May 28, 2023 04:15 PM2023-05-28T16:15:44+5:302023-05-28T16:48:04+5:30
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के नए संसद भवन का उद्घाटन किया है। इस मौके पर तमाम विपक्षियां पार्टियां पीएम के हाथों संसद का उद्घाटन करने पर बयानबाजी कर रही है।
इसी कड़ी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने पीएम मोदी द्वारा नई संसद के उद्घाटन की निंदा की और इस बात पर कटाक्ष किया कि राष्ट्रपति ने समारोह में नेतृत्व क्यों नहीं किया। केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि आरएसएस की उच्च जाति, पिछड़ी-विरोधी मानसिकता के कारण एक जानबूझकर बहिष्कार है।
लोकतंत्र के लिए काला दिन- वेणुगोपाल
केसी वेणुगोपाल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "संसदीय लोकतंत्र के लिए आज का दिन काला दिन है। क्या सत्तारूढ़ बीजेपी ने भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को इस समारोह से दूर रखने का कोई कारण बताया है?" उन्होंने कहा कि जब संसद भवन की आधारशिला रखी जा रही थी तो पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी आमंत्रित नहीं किया गया था।
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि दोनों राष्ट्रपतियों को ऐतिहासिक घटनाओं से दूर क्यों रखा गया। यह आरएसएस की उच्च जाति, पिछड़ी विरोधी मानसिकता हैं जिसके कारण उन्हें उस सम्मान से वंचित रखा जाता है, जिसके वे उच्च संवैधानिक पद के हकदार हैं। उनका जानबूझकर बहिष्करण दिखाता है कि पीएम मोदी उन्हें अपनी चुनावी राजनीति के लिए टोकन के रूप में इस्तेमाल करेंगे।
वेणुगोपाल ने कहा कि पीएम मोदी द्वारा नए संसद का उद्घाटन किए जाने पर उसे गलती करार दिया है जो भारत जैसे देश में कभी नहीं होनी चाहिए थी।
#WATCH | "It is an issue of sidelining the first tribal-woman President of India. Why didn't they (Centre) invite the President of India?": Congress General Secretary KC Venugopal on the row over the new Parliament inauguration
— ANI (@ANI) May 26, 2023
On Centre's ordinance on transfer of Delhi… pic.twitter.com/cXWItKqzQP
बता दें कि 20 विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन का विरोध किया है और बहिष्कार का ऐलान किया। विपक्ष ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बिना भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के उच्च कार्यालय का अपमान करता है, और संविधान के पत्र और भावना का उल्लंघन करता है।