J&K: 'कश्मीर छोड़ दो या मरने के लिए तैयार रहो' कश्मीरी पंडितों को लश्कर-ए-इस्लाम की धमकी
By सुरेश एस डुग्गर | Published: May 17, 2022 02:34 PM2022-05-17T14:34:55+5:302022-05-17T14:37:14+5:30
धमकी भरे पोस्टर में लिखा गया है कि सभी प्रवासी और आरएसएस एजेंट कश्मीर को छोड़ दो या मौत का सामना करने के लिए तैयार रहो। ऐसे कश्मीर पंडित जो कश्मीर को एक और इजरायल बनाना चाहते हैं और कश्मीरी मुस्लिमों को मारना चाहते हैं, उनके लिए यहां कोई जगह नहीं है।
जम्मू: लगभग 5000 के करीब वे कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी अब किसी भी कीमत पर कश्मीर में रुकने को तैयार नहीं हैं जिन्हें कुछ साल पहले पीएम पैकेज के तहत सरकारी नौकरियां दी गई थीं। यह नौकरियां इस शर्त पर दी गईं थीं कि वे कश्मीर में जाकर काम करेंगे और वहीं पर सुरक्षित समझे जाने वाले इलाकों में उनके रहने की व्यवस्था की जाएगी।
पर यह सच है कि ये कश्मीरी पंडित आतंकियों के लगातार निशाने पर हैं। पुलवामा के हवल ट्रांजिट आवास में रह रहे कश्मीरी पंडित को लश्कर-ए-इस्लाम नाम के आतंकी संगठन ने धमकी दी है। आतंकियों की ओर से जारी किए गए एक पोस्टर में कहा गया है कि कश्मीरी पंडित घाटी छोड़ दें या फिर मौत के लिए तैयार रहें। इस ट्रांजिट आवास में रहने वाले ज्यादातर कश्मीरी पंडित सरकारी नौकरी करते हैं।
पिछले साल 7 अक्तूबर को जब आतंकियों ने एक स्कूल में घुस कर अल्पसंख्यक समुदाय के प्रिंसिपल तथा टीचर को छात्रों के सामने गोली मारकर मार दिया था तब भी इसी प्रकार की धमकी एक अन्य आतंकी गुट द्वारा दी गई थी। तब भी अल्पसंख्यक समुदाय के साथ ही प्रवासी नागरिकों ने कश्मीर का त्याग इसलिए कर दिया था क्योंकि उन सभी को जान प्यारी थी।
अब भी वैसा ही माहौल है क्योंकि धमकी भरे पोस्टर में लिखा गया है कि सभी प्रवासी और आरएसएस एजेंट कश्मीर को छोड़ दो या मौत का सामना करने के लिए तैयार रहो। ऐसे कश्मीर पंडित जो कश्मीर को एक और इजरायल बनाना चाहते हैं और कश्मीरी मुस्लिमों को मारना चाहते हैं, उनके लिए यहां कोई जगह नहीं है। अपनी सुरक्षा दोहरी या तिहरी कर लो, टारगेट किलिंग के लिए तैयार रहो। तुम मरोगे। यह पोस्टर हवल ट्रांजिट आवास के अध्यक्ष को संबोधित करते हुए लिखा गया था।
अब बडगाम में आतंकियों ने राजस्व विभाग के एक अधिकारी राहुल भट की हत्या कर दी तो पीएम पैकेज वाले कर्मचारी सामूहिक इस्तीफे की धमकी दे रहे हैं। जानकारी कहती है कि कई कश्मीर को त्याग कर जम्मू स्थित अपने घरों में आ चुके हैं। दरअसल उन्होंने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि वे भी जान चुके हैं कि त्रिस्तरीय व बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था को भेद्यना आतंकियों के बाएं हाथ का खेल हो चुका है और उन्हें अपनी जान प्यारी है।
हालांकि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राहुल की पत्नी को जम्मू में सरकारी नौकरी, परिवार को आर्थिक सहायता देने के साथ-साथ बेटी की पढ़ाई का खर्च उठाने की भी घोषणा की है। लेकिन इस घटना से गुस्साए विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने देश में कई जगह प्रदर्शन किया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार भी इस मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर आ गई है।
दरअसल सरकार की ओर से दावा है कि वो कश्मीर में एक बार विस्थापित कश्मीरों पंडितों को बसाने की कोशिश कर रही है। लेकिन आतंकियों की ओर से कश्मीरी पंडितों की टारगेट किलिंग पर घाटी में दहशत और गुस्सा बढ़ रहा है।