कश्मीर: दो आतंकियों ने मां-बाप के कहने पर कर दिया आत्मसमर्पण, हो रही है जमकर तारीफ
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 6, 2022 10:09 PM2022-07-06T22:09:03+5:302022-07-06T22:11:29+5:30
आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में भर्ती हुए घाटी के रहने वाले 18 साल के नदीम अब्बास भट और 19 साल के काफिल मीर ने अपने मां-बाप की गुजारिश पर सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
श्रीनगर: हाल में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में भर्ती हुए दो नवयुवकों से उनके माता-पिता द्वारा की गयी भावुक अपील बुधवार को रंग लायी और उन्होंने जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
मामले में जानकारी देते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि 18 साल के नदीम अब्बास भट और 19 साल के काफिल मीर एक पखवाड़े पहले ही लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुए थे।
उनके अनुसार नदीम अब्बास भट कैमोह के राशिपुरा का रहने वाला है जबकि काफिल मीर मीरपुरा का निवासी है। खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस एवं सेना ने कुलगाम जिले के हादीगाम इलाके में घेराबंदी की, जहां उन्हें दो आतंकवादियों के छिपे होने का अंदेशा था।
आधी रात को कुछ देर तक मुठभेड़ चली और सुरक्षाबलों ने उस मकान को चारो ओर से घेर लिया। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रात दो बजे स्पष्ट हो गया कि दोनों नये रंगरूट हैं, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने उनकी पहचान और उनके परिवार के सदस्यों का पता लगाया।
रात करीब ढाई बजे मुठभेड़ पूरी तरह रोक दी गयी ताकि उनके माता-पिता अपने घर से आकर अपने बच्चों को समझाएं और अपने बेटों से आत्मसमर्पण की अपील करें।
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘माता-पिता द्वारा की गयी समर्पण की गुजारिश आखिरकार रंग लाई और दोनों ने बाहर आकर सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।’’
इस बीच, श्रीनगर स्थित रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी कर्नल एमरोन मुसावी ने बताया कि जब यह पता चला कि दोनों ही लश्कर-ए-तैयबा में नये भर्ती किये गये स्थानीय लोग हैं और उनका परिवार उन्हें मुख्यधारा में वापस लाना चाहते है। तब सुरक्षाबलों ने संयम दिखाया और दोनों आतंकवादियों द्वारा गोलीबारी जारी रहने के बाद भी उनसे नहीं उलझे।
जनसंपर्क अधिकारी ने कहा, ‘‘सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस ने संयम दिखाने के साथ ही यह सुनिश्चित किया कि आतंकवादी उस मकान से निकल नहीं पाएं। इस बीच, उनके परिवारों को आत्मसमर्पण की अपील करने के लिए मुठभेड़ स्थल पर लाया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इन आतंकवादियों के माता-पिता और सुरक्षाबलों ने सुबह तक बार-बार उनसे आत्मसमर्पण करने की अपील की। दोनों ने आखिरकार अपने हथियार डाल दिये और सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उन्हें बाद में जम्मू-कश्मीर पुलिस के हवाले कर दिया गया। उनके पास से सुरक्षाबलों को भारी मात्रा में हथियार एवं गोला-बारूद भी मिला।’’
कर्नल मुसावी ने कहा, ‘‘लश्कर और आईएसआई की शह पर इन युवकों को पट्टी पढ़ाई गई तथा राष्ट्र-विरोधी गतिविधियां एवं हत्याएं करने का जिम्मा दिया गया। सुरक्षाबल गुमराह युवाओं को हथियार डालने और आतंकवाद के रास्ते से वापसी के वास्ते प्रात्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’
दोनों आतंकियों द्वारा समर्पण की खबर मिलने के बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी सुरक्षाबलों एवं इन आतंकवादियों के अभिभावकों की जमकर तारीफ की, जिन्होंने उन्हें हथियार डालने एवं आत्मसमर्पण के लिए मनाया।
उन्होंने कहा कि इन युवाओं को दूसरा मौका देने के लिए ऐसी कोशिश जारी रहनी चाहिए, जो आतंकवाद की राह पर चल पड़े हैं। इस बीच, कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा कि यदि हर माता-पिता आतंकवाद की राह पर चल रहे अपने बच्चों से हिंसा का मार्ग छोड़ देने की अपील करे तो कई जिंदगियां बच सकती हैं।