कश्मीर और पंजाब के रास्ते आ रहे आतंकी, जम्मू के लोगों की चिंता, विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थान वैष्णो देवी सहित कई जगह अलर्ट

By सुरेश एस डुग्गर | Published: November 21, 2020 02:02 PM2020-11-21T14:02:09+5:302020-11-21T15:53:07+5:30

आतंकियों का मकसद विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थान वैष्णो देवी को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं तो साथ ही वे आर्थिक तौर पर अब जम्मू की कमर को तोड़ देना चाहते हैं।

Kashmir Punjab Terrorists coming people Jammu world famous pilgrimage center Vaishno Devi alert  | कश्मीर और पंजाब के रास्ते आ रहे आतंकी, जम्मू के लोगों की चिंता, विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थान वैष्णो देवी सहित कई जगह अलर्ट

जम्मू-कश्मीर में आने वाले टूरिस्टों के साथ-साथ वैष्णो देवी आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में हमेशा जबरदस्त कमी आई थी। (file photo)

Highlightsपहले भी पंजाब के रास्ते जम्मू के सांबा तक पहुंच जाने वाले आतंकियों के निशाने पर भी वैष्णो देवी तीर्थस्थान ही था।बन टोल प्लाजा और पहले वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी के पास मारे गए आतंकी जम्मू बार्डर से अर्थात दक्षिण से उत्तर की।जम्मू क्षेत्र के कठुआ, हीरानगर और सांबा में राजमार्गों पर कई सैन्य यूनिटों पर आत्मघाती हमले बोल चुके थे।

जम्मूः कश्मीर और पंजाब के रास्ते अर्थात उत्तर और दक्षिण से आने वाले आतंकियों के पाटों के बीच फंसते हुए जम्मू के लोगों की चिंता आने वाले भयानक दिनों की आशंकित तस्वीर के कारण बलबती इसलिए है क्योंकि आतंकियों का मकसद विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थान वैष्णो देवी को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं तो साथ ही वे आर्थिक तौर पर अब जम्मू की कमर को तोड़ देना चाहते हैं।

हालांकि वर्ष 2018 में 13 सितम्बर को हुए आतंकी हमले के बाद वैष्णो देवी के तीर्थस्थान की सुरक्षा को इसलिए बढ़ाया गया था क्योंकि मिलने वाली सूचनाएं और दस्तावेज कहते थे कि आतंकियों का निशाना वैष्णो देवी का तीर्थस्थान था। इससे पहले भी पंजाब के रास्ते जम्मू के सांबा तक पहुंच जाने वाले आतंकियों के निशाने पर भी वैष्णो देवी तीर्थस्थान ही था।

परसों बन टोल प्लाजा और पहले वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी के पास मारे गए आतंकी जम्मू बार्डर से अर्थात दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ते हुए जम्मू में अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ने का इरादा लेकर निकले थे। ऐसे ही इरादे उन आतंकियों के भी थे जो कई बार पंजाब के रास्ते तारबंदी को पार कर जम्मू क्षेत्र के कठुआ, हीरानगर और सांबा में राजमार्गों पर कई सैन्य यूनिटों पर आत्मघाती हमले बोल चुके थे।

ऐसे हमलों के बाद भी अर्थव्यवस्था को ढलान पर देखा गया था क्योंकि हमलों के बाद जम्मू-कश्मीर में आने वाले टूरिस्टों के साथ-साथ वैष्णो देवी आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में हमेशा जबरदस्त कमी आई थी। जानकारी के लिए जम्मू-पठानकोट तथा जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे का इस्तेमाल राज्य में आने वाले टूरिस्टों और वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं द्वारा किया जाता है और प्रत्येक हमले ने सबसे ज्यादा उन्हें ही दहशतजदा किया है।

पहले ही पिछले कुछ महीनों से कश्मीर में जारी संचारबंदी तथा पाबंदियों के कारण कश्मीर में पर्यटन व्यवसाय की कमर टूट चुकी थी कि रही सही कसर कोरोना ने पूरी कर दी और अब इसका प्रभाव वैष्णो देवी की यात्रा पर भी देखने को इसलिए मिल रहा है क्योंकि लोगों के लिए कश्मीर का मतलब पूरा राज्य होता है। और अब बचे खुचे श्रद्धालुओं के कदमों को ताजा आतंकी हमला मोड़ने में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है।

यही नहीं कुछ अरसा पहले पहली बार जम्मू सीमा पर बाबा चमलियाल की पवित्र दरगाह के पास हुए आत्मघाती हमले तथा उसके बाद पाक सेना द्वारा की गई गोलाबारी ने बार्डर टूरिज्म पर भी विराम लगा दिया हुआ है। अभी तक बाबा चमलियाल की दरगाह पर ऐसा कभी नहीं हुआ था। लेकिन पाक गोलाबारी तथा आतंकियों के हमले ने बार्डर टूरिज्म को नेस्तनाबूद कर दिया।

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