कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला फिर से नजरबंद, हजरतबल दरगाह जाकर नमाज पढ़ने से रोका, बवाल
By सुरेश एस डुग्गर | Published: October 30, 2020 04:08 PM2020-10-30T16:08:05+5:302020-10-30T16:08:05+5:30
राजनीतिक दलों ने प्रशासन की इस कवायद की निंदा भी की है। अधिकारियों ने बताया कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष व सांसद डा फारूक अब्दुल्ला को एक बार फिर उनके घर में ही नजरबंद कर दिया गया है।
जम्मूः कश्मीर में अब पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान सांसद डा फारूक अब्दुल्ला को एक बार फिर घर में नजरबंद करने तथा उनकों हजरतबल दरगाह जाकर नमाज पढ़ने से रोकने पर बवाल खड़ा हो गया है।
इस घटनाक्रम के बाद पूरे प्रदेश में नेकां कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किए हैं। सभी राजनीतिक दलों ने प्रशासन की इस कवायद की निंदा भी की है। अधिकारियों ने बताया कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष व सांसद डा फारूक अब्दुल्ला को एक बार फिर उनके घर में ही नजरबंद कर दिया गया है।
उन्हें घर से निकलने की इजाजत नहीं दी जा रही है। डा अब्दुल्ला आज सुबह जब हजरबल दरगाह पर ईद की नमाज पढ़ने के लिए घर से निकलने लगे तो उनकी सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें बाहर जाने से रोक दिया। सूत्रों का कहना है कि डा फारूक अब्दुल्ला ने इसका विरोध भी किया परंतु सुरक्षाबलों ने उनकी एक नहीं सुनी और उन्हें गेट से बाहर निकलने की इजाजत नहीं दी।
A delegation of the People’s Alliance for Gupkar Declaration met leaders of the Kargil Democratic Alliance in Kargil this afternoon. All of us united that the pre-August 5th, 2019 position must be restored: National Conference (NC) leader Omar Abdullah pic.twitter.com/pxzXojl19S
— ANI (@ANI) October 30, 2020
डा अब्दुल्ला ने कहा कि वह किसी राजनीतिक कार्यक्रम में नहीं बल्कि ईद की नमाज अदा करने के लिए दरगाह जाना चाहते हैं परंतु उनकी बात को अनसुना कर दिया गया। वहीं नेशनल कांफ्रेंस के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने प्रशासन के इस रवैये का कड़ा विरोध किया है। नेताओं ने कहा कि नमाज पढ़ना हर मुस्लिम का मौलिक अधिकार है। प्रशासन ने इसकी उल्लंघना की है तो निंदनीय है। उन्होंने कहा कि मिलाद-उन-नबी के शुभ अवसर पर प्रशासन की कार्रवाई सही नहीं है।
हालांकि प्रशासन का दावा है कि नमाज अदा करने के बहाने डा फारूक अब्दुल्ला ने वहां एक सभा बुलाई हुई थी। जिसे उन्होंने संबोधित करना था। पुलिस को इस बारे में पता चल गया और उन्होंने डा अब्दुल्ला को घर से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी।
वहीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी डा फारूक अब्दुल्ला को नमाज अदा करने से रोकने की सरकार की कार्रवाई का विरोध किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार अब धार्मिक मामलों में भी हस्तक्षेप करने लगी है। सरकार के ये कदम जम्मू कश्मीर के लोगों के प्रति उनकी कठोरता को दर्शाते हैं।
J&K: NC leader Omar Abdullah reaches Kargil to meet local leaders.
— ANI (@ANI) October 30, 2020
Omar Abdullah is part of a delegation of 'People's Alliance For Gupkar Declaration' leaders visiting the region today https://t.co/NX1DNOhVTnpic.twitter.com/fU594INpYQ
महबूबा ने कहा कि नजरबंदी हटने के बाद अब जबकि कश्मीर के सभी राजनीतिज्ञ डा अबदुल्ला के नेतृत्व में एकजुट होने लगे हैं, सरकार को यह बात खलने लगी है। यही वजह है कि उन पर फिर से पाबंदियां लागू की जा रही हैं।
जानकारी हो कि कश्मीर केंद्रित दलों ने एक मंच पीपुल्स अलायंस फार गुपकार डिक्लेरेशन का गठन कर जम्मू कश्मीर के हितों के लिए आंदोलन छेड़ने की घोषणा की है। संगठन में शामिल नेताओं ने सर्वसम्मित के साथ डा फारूक अब्दुल्ला को अपना प्रधान चुना है। उनकी नजरबंदगी के खिलाफ जम्मू में भी जम कर विरोध प्रदर्शन हुए हैं।