काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी मस्जिदः कोर्ट का आदेश, खुदाई कराएगा ASI, जानें क्या है पूरा मामला
By सतीश कुमार सिंह | Published: April 8, 2021 06:17 PM2021-04-08T18:17:37+5:302021-04-08T19:41:41+5:30
काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद पर फैसला आ गया है। अदालत ने पुरातत्विक सर्वेक्षण को मंज़ूरी दे दी।
वाराणसीः काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। पुरातत्व सर्वेक्षण को कोर्ट ने मंजूरी दे दी है।
फास्ट ट्रैक अदालत ने बृहस्पतिवार को काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद से जुड़े मामले में विवादित परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण करवाने का आदेश दिया। अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने यह जानकारी दी है। इस मामले में वाद दायर करने वाले वकील रस्तोगी ने बताया कि सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक (दीवानी न्यायाधीश) अदालत, वाराणसी ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को अपने खर्चे पर यह सर्वेक्षण करने का आदेश दिया है।
उन्होंने बताया कि इस सर्वेक्षण में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षेण (एएसआई) के पांच विख्यात पुरातत्ववेत्ताओं को शामिल करने का आदेश दिया गया है जिसमे दो अल्पसंख्यक समुदाय के पुरातत्ववेत्ता शामिल रहेंगे। अधिवक्ता ने बताया कि वर्ष 2019 में दीवानी न्यायाधीश की अदालत में उन्होंने स्वयम्भू भगवान विश्वेश्वर काशी विश्वनाथ की ओर से वाद मित्र के रूप में आवेदन दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद, विश्वेश्वर मंदिर का एक अंश है। उन्होंने कहा कि अदालत ने उनके अनुरोध पर विचार करते हुए परिसर में पुरातात्विक सर्वेक्षण के आदेश दिया है।
काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर को लेकर फॉस्ट कोर्ट ने परिसर के पुरातात्विक सर्वेक्षण का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि एएसआई काशी विश्वनाथ ज्ञानव्यापी की खुदाई करके बताए कि वहाँ मस्जिद से पहले मंदिर था या नहीं? विभाग के 5 लोगों की टीम द्वारा पूरे परिसर के सर्वे किया जाएगा।
1991 से मामला चल रहा है। इंतजामिया कमेटी ने कहा कि हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट आशुतोष तिवारी की अदालत ने गुरुवार को लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी के आवेदन को स्वीकार कर लिया।
BREAKING: In the Kashi dispute, court allows ASI survey of Gyanvapi mosque adjacent to Kashi Vishwanath Temple
— Bar & Bench (@barandbench) April 8, 2021
Court of Civil judge Senior Division, Varanasi Civil Court passed the order
पहली बार 1991 में वाराणसी सिविल कोर्ट में स्वयंभु ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की ओर से ज्ञानवापी में पूजा की अनुमति के लिए याचिका दायर की गई थी। ज्ञानवापी परिसर के पुरातात्विक सर्वेक्षण की याचिका पर सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में 2 अप्रैल को बहस पूरी हुई थी।
कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद फैलसा सुरक्षित किया था। कोर्ट में काशी विश्वनाथ मंदिर पक्ष के वकील विजय शंकर रस्तोगी, सुनील रस्तोगी और राजेन्द्र पांडेय ने पक्ष रखते हुए कहा था कि पुरातात्विक साक्ष्य के लिए ऐसा करना न्यायोचित है।