करतारपुर कॉरिडोरः दूसरे दौर की वार्ता खत्म, भारत की ज्यादातर मांगों पर राजी हुआ पाकिस्तान
By स्वाति सिंह | Published: July 14, 2019 02:45 PM2019-07-14T14:45:10+5:302019-07-14T14:55:05+5:30
भारत ने पाकिस्तान से मांग की है कि 5,000 तीर्थयात्रियों को हर रोज गलियारे का उपयोग कर गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने की अनुमति दी जाए। जिसके लिए पाकिस्तान राजी हो गया है।
भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों ने करतारपुर गलियारे को चालू करने, उससे संबंधित तकनीकी मामलों पर रविवार को चर्चा हुई। इस दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अपनी कई मांगें रखीं, जिनमें से कुछ पर पाकिस्तान मामलों में अपनी रजामंदी भी दे दी है।
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ मोहम्मद फैसल ने कहा '80% और अधिक वार्ता में सहमत हुए हैं। लंबित मुद्दों पर चर्चा के लिए एक और बैठक हो सकती है।'
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक भारत ने पाकिस्तान से मांग की है कि 5,000 तीर्थयात्रियों को हर रोज गलियारे का उपयोग कर गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने की अनुमति दी जाए। जिसके लिए पाकिस्तान राजी हो गया है। इसके ही साथ भारत ने 10,000 अतिरिक्त तीर्थयात्रियों को विशेष अवसरों पर जाने की अनुमति की मांग की थी।
इस द्विपक्षीय बातचीत में भारत ने पाकिस्तान से अपनी तरफ बन रहे पुल की जानकारी साझा की। साथ ही पाकिस्तान से यह कहा गया कि वे भी अपनी ओर से रावी नदी पर ऐसा ही पुल बनाए। इसके पीछे भारत ने कारण भी बताए।
SCL Das, Joint Secretary (Internal Security), MHA: on #KartarpurCorridor talks: We have sought confirmation that individuals like Gopal Singh Chawla (of Pakistan Sikh Gurudwara Prabandhak Committee) have been removed from the bodies where we have objection to. pic.twitter.com/xYN7ZtR1tN
— ANI (@ANI) July 14, 2019
Jt. Secy (Internal Security), MHA: Have conveyed to Pakistan&sought their cooperation for the proposal of Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee&Delhi Sikh Gurdwara Management Committee to take out ‘Nagar Kirtan’ from Delhi to Nankana Sahib in Pak. It was on sidelines of meeting https://t.co/TUFsDbbIo1
— ANI (@ANI) July 14, 2019
बता दें, यह गलियारा सिख श्रद्धालुओं के लिए गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक साहिब से पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरूद्वारा दरबार साहिब तक जाना सुगम बनाएगा। वे इस गलियारे के माध्यम से बिना वीजा के आवागमन कर सकेंगे।
उन्हें करतारपुर साहिब जाने के लिए केवल एक परमिट लेना होगा। करतारपुर साहिब को सिख धर्म के संस्थापक गुरू नानक देव ने 1522 में स्थापित किया था।
बैठक से पहले पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता और 13 सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के नेता मोहम्मद फैसल ने कहा था कि हमें मामलों पर उपयोगी वार्ता होने और समाधान मिलने की उम्मीद है। गलियारे का 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
दक्षिण एशिया और दक्षेस के महानिदेशक फैसल ने कहा था कि पाकिस्तान सकारात्मक सोच के साथ वार्ता में भाग ले रहा है। वार्ता का पहला दौर सफल रहा था। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान क्षेत्र में शांति चाहते हैं। वह नवंबर 2019 में गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के लिए समय पर गलियारा चालू करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।
ऐतिहासिक गलियारे की कार्यप्रणालियों को अंतिम रूप देने के लिए पाकिस्तान और भारत के बीच पहली बैठक मार्च में अटारी में ऐसे समय में हुई थी जब दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति थी। पुलवामा में 14 फरवरी को हुए जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था।
गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में भारत और पाकिस्तान इस गलियारे के निर्माण के लिए सहमत हुए थे। गुरदासपुर जिले में 26 नवंबर को और इसके दो दिन बाद पाकिस्तान के नारोवाल (लाहौर से 125 किमी दूर) में इस गलियारे की आधारशिला रखी गई थी।