सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के 17 विधायकों को अयोग्य ठहराने के फैसले को कायम रखा, लेकिन लड़ सकेंगे चुनाव

By विनीत कुमार | Published: November 13, 2019 10:53 AM2019-11-13T10:53:55+5:302019-11-13T11:04:55+5:30

कर्नाटक के इन 17 विधायकों को विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने अयोग्य घोषित कर दिया था।अयोग्य घोषित विधायकों की याचिकाओं पर 25 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई थी। 

Karnatka 17 rebel mla stays disqualified supreme court says can contest the by elections in the state | सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के 17 विधायकों को अयोग्य ठहराने के फैसले को कायम रखा, लेकिन लड़ सकेंगे चुनाव

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के 17 अयोग्य घोषित विधायकों को दी राहत (फाइल फोटो)

Highlightsसुप्रीम कोर्ट से मिली कर्नाटक के 17 अयोग्य घोषित विधायकों को बड़ी राहतसुप्रीम कोर्ट ने सभी विधायकों को उप-चुनाव लड़ने की इजाजत दी, तीन सदस्यीय पीठ ने की थी सुनवाई

कर्नाटक में 17 विधायकों को अयोग्य ठहराने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन विधानसभा स्पीकर के फैसले को कायम रखा है। हालांकि, साथ ही कोर्ट ने इन अयोग्य घोषित विधायकों को राहत देते हुए राज्य में उपचुनाव लड़ने की भी इजाजत दे दी है। इससे पहले विधानसभा स्पीकर ने 15वीं कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने तक इन्हें अयोग्य ही रहने का फैसला दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा, 'हम इस बात की सराहना नहीं करते कि जिस तरह याचिकाकर्ता को कोर्ट के पास आना पड़ा।'

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा, 'हम स्पीकर के आदेश को कायम रखते हैं।' इन विधायकों को कर्नाटक विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने अयोग्य घोषित कर दिया था। जस्टिस एन वी रमण, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस कृष्ण मुरारी की तीन सदस्यीय पीठ ने इन अयोग्य घोषित विधायकों की याचिकाओं पर 25 अक्टूबर को सुनवाई पूरी की थी। 


गौरतलब है कि कर्नाटक विधान सभा अध्यक्ष रहे रमेश कुमार ने इसी साल विधान सभा में एच डी कुमारस्वामी सरकार के विश्वास प्रस्ताव से पहले ही 17 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। विधान सभा में विश्वास मत्र प्राप्त करने मे विफल रहने पर कुमारस्वमी की सरकार ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद, बीजेपी के बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व में राज्य में नयी सरकार का गठन हुआ। 

इन विधायकों को अयोग्य घोषित किये जाने की वजह से 17 में से 15 सीटों के लिये पांच दिसंबर को उपचुनाव हो रहे हैं। अयोग्य घोषित किये गये विधायक इन उपचुनाव में नामांकन पत्र दाखिल करना चाहते हैं। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 18 नवंबर है। इन विधायकों ने हाल में शीर्ष अदालत में एक आवेदन दायर कर 15 सीटों के लिये होने वाले उपचुनाव की तारीख स्थगित करने का निर्वाचन आयोग को निर्देश देने का अनुरोध किया था। 

इन विधायकों का कहना था कि उनकी याचिकाओं पर न्यायालय का निर्णय आने तक निर्वाचन आयोग को इन सीटों पर चुनाव नहीं कराने चाहिए। अयोग्य घोषित विधायकों की दलील थी कि सदन की सदस्यता से त्यागपत्र देना उनका अधिकार है और अध्यक्ष का निर्णय दुर्भावनापूर्ण है और इससे प्रतिशोध झलकता है। इन विधायकों में से अनेक ने सदन की सदस्यता से इस्तीफा देते हुये अध्यक्ष को पत्र लिखे थे।

(भाषा इनपुट)

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