कर्नाटक: सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई क्यों कहा, 'आरएसएस का गुलाम', जानिए क्या है मामला

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 14, 2022 08:25 PM2022-08-14T20:25:54+5:302022-08-14T20:32:02+5:30

आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर कर्नाटक की बोम्मई सरकार द्वारा प्रकाशित विज्ञापन में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को न शामिल किये जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गुलाम हैं।

Karnataka: Siddaramaiah called Chief Minister Basavaraj Bommai, 'slave of RSS', know what is the matter | कर्नाटक: सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई क्यों कहा, 'आरएसएस का गुलाम', जानिए क्या है मामला

फाइल फोटो

Highlightsकर्नाटक सरकार द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के मौक पर दिये विज्ञापन में नेहरू का नाम गायबकर्नाटक कांग्रेस ने भाजपा सरकार को लिया आड़े हाथों, सावरकर को शामिल किये जाने पर उठाया सवालपूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गुलाम हैं

बेंगलुरु:कर्नाटक सरकार द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर मीडिया में दिये गये विज्ञापन पर भारी विवाद खड़ा हो गया है। रविवार को प्रकाशित कर्नाटक सरकार के विज्ञापन में जिन स्वतंत्रता सेनानियों को दर्शाया गया है, उनमें देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का नाम शामिल नहीं है। इसके बाद से कर्नाटक कांग्रेस ने इस मामले में राज्य की भाजपा सरकार को आड़े हाथों ले लिया है।

बोम्मई सरकार द्वारा प्रकाशित विज्ञापन पर कड़ी आपत्ति जताते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गुलाम हैं। इतना हीं नहीं प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने इस मामले में सीधे मुख्यमंत्री बोम्मई को फोन करके उनकी सरकार की जमकर आलोचना की और राज्य सरकार के विज्ञापन को गैर-जिम्मेदाराना बताया।

इसके साथ ही सिद्धारमैया ने राज्य सरकार द्वारा नेहरू वाले मामले की आलोचना करते हुए विज्ञापन में विनायक दामोदर सावरकर की फोटो शामिल किये जाने पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने सावरकर पर हमला करते हुए कहा कि आजादी के संघर्ष में जब कांग्रेस अंग्रेजों से संघर्ष कर रही थी तो सावरकर अपनी सजा माफ करवाने के लिए कथित तौर पर ब्रिटिश अधिकारियों से क्षमा याचना कर रहे थे।

सिद्धारमैया द्वारा नेहरू विवाद में सावरकर को घसीटे जाने पर तिलमिलाई कर्नाटक भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों की लिस्ट से नेहरू को "जानबूझकर" बाहर किया है वह भारत विभाजन के लिए जिम्मेदार थे।

मुख्यमंत्री बोम्मई को सरकारी विज्ञापन में नेहरू को बाहर किये जाने के लिए जिम्मेदार मानते हुए सिद्धारमैया ने कहा, "जब हमने सोचा था कि अंग्रेजों के जाने के साथ देश में गुलामी खत्म हो गई, तो कर्नाटक के सीएम बोम्मई ने हमारी सोच को गलत साबित कर दिया क्योंकि वो अभी भी आरएसएस के गुलाम हैं। आज के सरकारी विज्ञापन में पंडित जवाहरलाल नेहरू को स्वतंत्रता सेनानियों की सूची में शामिल नहीं किया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने के लिए वो इस निम्न हद तक नीचे जा सकते हैं।"

सिद्धारमैया ने कहा कि बोम्मई इस बात को भली-भांति याद कर लें कि जिस नेहरू को उन्होंने विज्ञापन में जगह नहीं दी, उसी नेहरू ने आम जनता को देश के स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रेरित करने किया था। नेहरू ने इसके लिए जेल में 9 साल रहते हुए पत्र लिखा, किताबें लिखीं। लगता है आरएसएस दुखी है कि नेहरू ने सावरकर की तरह अंग्रेजों को माफी और दया याचिका नहीं लिखी।"

उन्होंने कहा, "बोम्मई ने नेहरू को स्वतंत्रता सेनानियों की सूची से हटाकर उनका नहीं बल्कि दुनिया के सामने इस देश का अपमान किया है। बोम्मई ने आज बाकी दुनिया को भारत का मजाक उड़ाने का मौका दे दिया, उन्हें इसके लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।" (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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