कर्नाटकः भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी पी रविन्द्रनाथ ने दिया इस्तीफा, कई आरोप लगाए, जानिए पूरा मामला
By भाषा | Published: October 29, 2020 09:33 PM2020-10-29T21:33:54+5:302020-10-29T21:33:54+5:30
पुलिस के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, वन प्रकोष्ठ में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पी रविन्द्रनाथ ने पुलिस महानिदेशक प्रवीण सूद के माध्यम से मुख्य सचिव टी एम विजय भास्कर को 28 अक्टूबर को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
बेंगलुरुः कर्नाटक में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘कुछ व्यक्तियों’ पर उन्हें अप्रत्यक्ष रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए सेवा से इस्तीफा दे दिया है।
पुलिस के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, वन प्रकोष्ठ में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पी रविन्द्रनाथ ने पुलिस महानिदेशक प्रवीण सूद के माध्यम से मुख्य सचिव टी एम विजय भास्कर को 28 अक्टूबर को अपना इस्तीफा सौंप दिया। अधिकारी के खिलाफ छह साल पहले छेड़छाड़ के आरोपों में मामला दर्ज किया गया था जिसमें उनका कहना है कि उच्च न्यायालय द्वारा इसे खारिज कर दिया गया था। अपने इस्तीफे की पुष्टि करते रविन्द्रनाथ ने कहा, ‘‘कल कुछ प्रोन्नतियां हुई। मुझे नंबर-दो के रूप में पदोन्नत किया जाना चाहिए था। नम्बर-एक अमर कुमार पांडे हैं।’’
रविन्द्रनाथ ने कहा, ‘‘मुझे पदोन्नत किया जाना चाहिए था। मेरे बजाय सुनील कुमार को पदोन्नत किया गया।’’ अपने इस्तीफे पत्र में रविन्द्रनाथ ने कहा कि उन्होंने कर्नाटक के लोगों की पूरी निष्ठा से सेवा की लेकिन पिछले चार वर्षों में उन्हें ‘‘कुछ व्यक्तियों द्वारा पेश की जा रही समस्याओं’’ का सामना करना पड़ा है।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन कुछ लोगों ने मुझे न्याय मिलने में रुकावट डाली। इसलिए, अप्रत्यक्ष उत्पीड़न की पीड़ा से गुजरते हुए, मैं शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए अपना इस्तीफा सौंपता हूं।’’ उन्होंने मुख्य सचिव से उनका इस्तीफा स्वीकार करने का आग्रह किया।
आंध्र प्रदेश से 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी छह साल पहले उस समय विवादों में आ गये थे जब उन पर बेंगलुरु के एक कैफे में एक महिला की तस्वीरें कथित तौर पर खींचने का आरोप लगा था। महिला ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा था कि जब वह और उनका रिश्तेदार कैफे में थे तो उन्होंने उनकी तस्वीरें खींचते हुए एक व्यक्ति को देखा। रविन्द्रनाथ के अनुसार, इस घटना के अगले दिन आईपीसी की धारा 354 के तहत उनके खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में अदालत में दायर एक आरोप पत्र को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था।