स्वास्थ्य मंत्रालय के नियमों को ताक पर रख एयरपोर्ट अधिकारियों ने मांगी 4 साल के बच्चे की निगेटिव RT-PCR रिपोर्ट, पिता देते रहे गाइडलाइंस की दुहाई

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 9, 2021 02:54 PM2021-12-09T14:54:19+5:302021-12-09T14:56:47+5:30

कर्नाटक में एयरपोर्ट अधिकारियों ने मंत्रालय के गाइडलाइंस को ताक पर रखकर एक 4 साल के बच्चे का निगेटिव RT-PCR रिपोर्ट मांग लिया। जब परिवार वालों ने गाइडलाइंस का हवाला दिया तो वे उनकी एक न सुने और अपने बात पर अड़े रहे।

karnataka kempegowda airport authorities demand negative covid 19 report of 4 years child surpassing health ministry guidelines | स्वास्थ्य मंत्रालय के नियमों को ताक पर रख एयरपोर्ट अधिकारियों ने मांगी 4 साल के बच्चे की निगेटिव RT-PCR रिपोर्ट, पिता देते रहे गाइडलाइंस की दुहाई

स्वास्थ्य मंत्रालय के नियमों को ताक पर रख एयरपोर्ट अधिकारियों ने मांगी 4 साल के बच्चे की निगेटिव RT-PCR रिपोर्ट, पिता देते रहे गाइडलाइंस की दुहाई

Highlightsकर्नाटक- केंपोगौडा एयरपोर्ट के अधिकारियों ने 4 साल के बच्चे का निगेटिव RT-PCR रिपोर्ट की मांग की। बच्चे के परिवार वालों ने स्वास्थ्य मंत्रालय के गाइडलाइंस का हवाला देकर टेस्ट से इंकार किया।एयरपोर्ट के अधिकारी मंत्रालय के गाइडलाइंस को अंदेखा कर अपने बात पर अड़े रहे।

भारत:कर्नाटक एयरपोर्ट पर स्वास्थ्य मंत्रालय के गाइडलाइंस को अंदेखी कर कोविड-19 टेस्ट करनवाने की बात सामने आई है। बता दें कि एयरपोर्ट अधिकारियों द्वारा एक एनआरआई परिवार को उनके 4 साल के बच्चे को कोविड टेस्ट करवाने को कहा गया। परिवार द्वारा मंत्रालय के गाइडलाइंस को बताने के बावजूद भी अधिकारी अपने बात पर अड़े रहे। मामला सामने आने के बाद एयरपोर्ट अधिकारियों पर स्वास्थ्य मंत्रालय के गाइडलाइंस को अंदेखी करना और उसे न मानने का आरोप लगा है। परिवार के पास यूनाइटेड स्टेट का पासपोर्ट था जो भारत में छुट्टियां मनाने वापस आए थे।  

क्या है पूरा मामला

रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईटी प्रोफेशनल राजदीप गांगुली, उनकी पत्नी और उनका 4 साल का बेटा यूनाइटेड स्टेट से भारत अपनी छुट्टियां मनाने आए थे। वे फर्स्ट एयरवेज से अंडमान और निकोबार में स्थित पोर्ट ब्लेयर में जाने वाले थे। यात्रा के दौरान, कर्नाटक के केंपोगौडा एयरपोर्ट पर परिवार से उनके 4 साल के बेटे का निगेटिव RT-PCR  रिपोर्ट मांगा गया। परिवार ने जब अधिकारियों को
स्वास्थ्य मंत्रालय के गाइडलाइंस की बात बताई तो वे उनका बात नहीं माने और निगेटिव RT-PCR  रिपोर्ट की मांग करते रहे। 

क्या है स्वास्थ्य मंत्रालय का गाइलाइंस

बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार, 5 साल से कम उमर वालों बच्चों को प्री-डिपार्चर या पोस्ट-अराइवल पर कोविड-19 का टेस्ट नहीं देना होगा। यह गाइलाइंस पूरे भारत के हर छोटे-बड़े एयरपोर्ट पर लागू होता है। ऐसे में परिवार का यही कहना था कि वे गाइडलाइन के मुताबिक ही चल रहे हैं। 4 साल के बच्चे को कोविड-19 का टेस्ट कराने के लिए मजबूर करना मंत्रालय की गाइडलाइंस का उल्लंघन है।

परिवार ने लगाया एयरपोर्ट अधिकारियों पर बात न सुनने का आरोप

परिवार ने एयरपोर्ट अधिकारियों पर बात न सुनने का आरोप लगाते हुए कहा, 'मैंने एयरलाइंस के स्टाफ को बताया कि जो प्रोटोकॉल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किये गये हैं उसमें 5 साल के बच्चों को RT-PCR टेस्ट से छूट मिली हुई है। लेकिन उन्होंने मेरी बात सुनने तक से इनकार कर दिया। उन्होंने बेरुखी से कहा कि अगर आपके बेटे की टेस्ट रिपोर्ट निगेटव आएगी तब ही आपको फ्लाइट से जाने की इजाजत मिलेगी।'

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