कर्नाटक सरकार ने स्कूलों को दी 'गणेश उत्सव' मनाने की छूट, वक्फ बोर्ड ने कहा, 'ईद भी मनाने दें'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 19, 2022 05:43 PM2022-08-19T17:43:20+5:302022-08-19T17:50:43+5:30
कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि स्कूल और कॉलेज प्रबंधन अपनी इच्छा से परिसर में गणेश चतुर्थी मना सकते हैं। जिसके बाद कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने बोम्मई सरकार से मांग की है कि सरकार स्कूलों में मुस्लिम छात्रों को भी ईद मनाने की भी छूट प्रदान करें।
बेंगलुरु:कर्नाटक के सरकारी स्कूलों में गणश उत्सव मनाने की छूट मिलने के बाद मुस्लिम समुदाय की ओर से वक्फ बोर्ड ने बोम्मई सरकार से मांग की है कि वो स्कूलों में मुस्लिम छात्रों को भी ईद मनाने की भी छूट प्रदान करें। जानकारी के मुताबिक यह विवाद तक पैदा हुआ जब राज्य के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि स्कूल और कॉलेज अपनी इच्छा से गणेश चतुर्थी मना सकते हैं।
मंत्री बीसी नागेश के इस बयान के बाद कर्नाटक वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शफी सादी ने कहा कि जिस तरह से हिंदू छात्रों को शिक्षा विभाग गणेश उत्सव मनाने की छूट दे रहा है, उसी तरह उसे मुस्लिम छात्रों को भी ईद मिलाद मनाने की अनुमति देनी चाहिए।
मामले में स्कूली शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने बीते बुधवार को पत्रकारों से कहा, "शिक्षा विभाग की ओर से केवल इतना ही कहा गया है कि जो स्कूल-कॉलेज कैंपस में पहले भी अपनी क्षमता में गणेश उत्सव का आयोजन कर रहे थे, वे इस साल भी गणेश उत्सव का आयोजन करने के लिए स्वतंत्र हैं। इसमें किसी तरह का विवाद नहीं होना चाहिए और न ही ये किसी तरह के संघर्ष को भड़काने वाला है। इन रीति-रिवाजों से हमारे समुदाय एक बंधन में बंधते हैं।"
समाचार वेबसाइट 'द न्यूज मिनट' के मुताबिक राज्य के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने बुर्का विवाद में कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर जो टिप्पणी की थी, उसकी मुस्लिम समुदाय में बहुत आलोचना हुई थी। कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुर्का प्रतिबंध के मामले में राज्य सरकार के आदेश को बरकरार रखा था।
बोम्मई सरकार ने बुर्का विवाद में स्पष्ट आदेश दिया था शैक्षिक संस्थाओं के परिसर में छात्र-छात्राओं द्वारा बुर्का, भगवा शॉल सहित किसी भी धार्मिक प्रतीकों के साथ कक्षाओं में प्रवेश नहीं मिलेगा। छात्रों को स्कूल या कॉलेज में प्रबंधन द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड में ही आना होगा। हालांकि हाईकोर्ट के फैसले में कॉलेज या स्कूल परिसर में धार्मिक त्योहारों को मनाने के संबंध में अलग से कुछ नहीं कहा गया था।
गणेश उत्सव विवाद में कर्नाटक वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शफी सादी ने कहा, “हमारा मानना है कि बच्चों को उनके धर्म और उससे जुड़े रीति-रिवाजों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। यदि वे स्कूल और कॉलेज में किया जाा है तो उनका नैतिक विकास होगा। सरकार जिस तरह से स्कूल-कॉलेजों में गणेश उत्सव मनाने के लिए छात्रों को छूट दे रही है, उसी तरह से उसे इस्लामी त्योहारों को मनाने वालों छात्रों को भी अनुमति देनी चाहिए। जब ऐसा होगा तो अलग-अलग धर्म को लोगों के बीच धार्मिक अविश्वास खत्म हो सकता है।”
उन्होंने कहा कि जब स्कूल में गणेश उत्सव मनाया जाएगा तो उसमें मुस्लिम और ईसाई छात्र भी शामिल होंगे। अगर सरकार इसी तरह से स्कूलों में सभी त्योहारों को समान रूप से मनाए तो उससे धार्मिक तनाव कम होगा।
उन्होंने कहा, “मैं अपील करता हूं कि स्कूलों और कॉलेजों में हिंदू छात्र गणेश उत्सव और मुस्लिम छात्र ईद मिलाद मिलकर मना सकें। हिंदु छात्रों को को भगवद गीता, मुसलमान छात्रों को कुरान और ईसाई छात्र को बाइबिल के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। इसलिए सभी स्कूलों और कॉलेजों के प्रबंधन से अपील की कि वे छात्रों को सभी त्योहार मनाने की छूट दें। सभी धर्म शांति, सुख और मित्रता सिखाते हैं और बच्चों में इस बात को सीखना बेहद आवश्यक है।”
वहीं राज्य के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि स्कूल-कॉलेज गणेश उत्सव को धार्मिक कार्यक्रम के रूप में नहीं बल्कि "एक आंदोलन" के रूप में मानाएं। गणेश उत्सव भारत की आजादी के बाद से मनाया जाता रहा है और इस त्योहार से लोगों में एकजुटता होगी।