कर्नाटक के डिप्टी सीएम बोले- दलित होने के कारण मैं मुख्यमंत्री नहीं बन पाया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 25, 2019 05:27 PM2019-02-25T17:27:29+5:302019-02-25T17:27:29+5:30
कर्नाटक के दावणगेरे के चालावड़ी में दलित संप्रदाय की एक रैली में जी परमेश्वर ने कहा, ''मैं दलित दमन का पीड़ित हूं और इसलिए मुख्यमंत्री का पद हासिल नहीं कर सका हूं। मैंने अनिक्षा से उप मुख्यमंत्री का पद स्वीकार किया जिसके लिए मुझे कोई रुचि नहीं थी।''
लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता जी परमेश्वर ने एक बयान देकर गठबंधन सरकार में रार की सुगबुगाहटों को जोर दे दिया है। जी परमेश्वर ने कहा कि उन्हें दलित होने का खामियाजा उपमुख्यमंत्री के पद से वंचित होकर भुगतना पड़ा। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक परमेश्वर ने दावा किया कि वह दलित दमन के पीड़ित हैं, जिसके कारण उन्होंने मुख्यमंत्री बनने का मौका गंवा दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें अनिक्षा से उप मुख्यमंत्री का पद स्वीकार करना पड़ा। 2019 आम चुनाव से पहले परमेश्वर का यह कहना आग में और घी छोड़ता कि सरकार गठन के समय कांग्रेस द्वारा जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी को पसंद न किया जाना गठबंधन सरकार के लिए मुश्किल का सबब बन गया था।
कर्नाटक के दावणगेरे के चालावड़ी में दलित संप्रदाय की एक रैली में जी परमेश्वर ने कहा, ''मैं दलित दमन का पीड़ित हूं और इसलिए मुख्यमंत्री का पद हासिल नहीं कर सका हूं। मैंने अनिक्षा से उप मुख्यमंत्री का पद स्वीकार किया जिसके लिए मुझे कोई रुचि नहीं थी।'' इससे पहले परमेश्वर ने कहा कि बी बासावालिंगप्पा और केएच रंगनाथ और कलबुर्गी से वर्तमान सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे नेताओं ने भी राज्य का नेतृत्व करने का मौका गंवाया। उन्होंने कहा, ''उनमें से सभी मुख्यमंत्री बन सकते थे लेकिन दलित दमन के पीड़ित रहे।''
परमेश्वर ने कहा कि वह अपनी निराशा जाहिर करने और समुदाय का समर्थन हासिल करने के लिए चालावड़ी की रैली में आए हैं। डिप्टी सीएम ने कहा कि ग्रामीण कर्नाटक में अब तक छुआछूत देखने को मिलती थी। उन्होंने कहा कि संविधान से मिले अधिकारों के बाद भी दलितों को मंदिरों, होटलों और नाई की दुकानों में घुसने से रोका जाता रहा। उन्होंने कहा कि दलितों को संप्रदाय के भगवान के रूप में बीआर अंबेडकर की पूजा जरूर करनी चाहिए।
इससे पहले दावणगेरे के विधायक और ऑल इंडिया वीरशैव महासभा अध्यक्ष शामानुर शिवशंकरप्पा खड़गे को अगला पीएम उम्मीदवार बनाए जाने की वकालत कर चुके हैं। उन्होंने कहा था, ''खड़गे ने प्रधानमंत्री बनने के लिए पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं और मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी का सामना करने में एआईसीसी प्रमुख राहुल गांधी से ज्यादा सक्षम हैं।''