उपचुनाव के बाद पेट्रोल-डीजल के करों में कटौती पर विचार करेंगे: कर्नाटक के मुख्यमंत्री

By विशाल कुमार | Published: October 17, 2021 01:05 PM2021-10-17T13:05:29+5:302021-10-17T13:09:04+5:30

इससे पहले मुख्यमंत्री ने राज्य में करों में कटौती के किसी भी विकल्प पर विचार करने से इनकार कर दिया था. कर्नाटक में पेट्रोल की कीमत 109.16 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 100 रुपये पर पहुंच गई है.

karnataka-cm-bommai-hints-at-reducing-taxes-on-fuel by election | उपचुनाव के बाद पेट्रोल-डीजल के करों में कटौती पर विचार करेंगे: कर्नाटक के मुख्यमंत्री

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई. (फोटो: एएनआई)

Highlightsमुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि हम उपचुनाव के बाद राज्य की अर्थव्यवस्था की समीक्षा करेंगे.मुख्यमंत्री ने पेट्रोल और डीजल पर उपकर और बिक्री कर को कम करने का संकेत दिया है.कर्नाटक के सिंदगी और हंगल विधानसभा क्षेत्रों में 30 अक्टूबर को उपचुनाव होंगे.

बेंगलुरु:कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार को विधानसभा उपचुनाव से बाद राज्य में पेट्रोल और डीजल पर उपकर और बिक्री कर को कम करने का संकेत दिया है.

बोम्मई ने कहा कि हम उपचुनाव के बाद राज्य की अर्थव्यवस्था की समीक्षा करेंगे और फिर ईंधन की कीमतों पर कर कम करने पर निर्णय लेंगे.

बता दें कि, कर्नाटक के सिंदगी और हंगल विधानसभा क्षेत्रों में 30 अक्टूबर को उपचुनाव होंगे और वोटों की गिनती 2 नवंबर को होगी.

जद (एस) विधायक एमसी मनागुली के निधन के कारण सिंदगी और भाजपा के सीएम उदासी के निधन के बाद हंगल सीट खाली हो खाली हो गई है.

2018 के चुनावों में मनागुली के बाद दूसरे स्थान पर आए रमेश भूषणूर सिंदगी से भाजपा के उम्मीदवार हैं, जबकि हंगल निर्वाचन क्षेत्र से शिवराज सज्जनर इसके उम्मीदवार हैं.

हालांकि, इससे पहले मुख्यमंत्री ने राज्य में करों में कटौती के किसी भी विकल्प पर विचार करने से इनकार कर दिया था. कर्नाटक में पेट्रोल की कीमत 109.16 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 100 रुपये पर पहुंच गई है.

विपक्षी कांग्रेस ने तमिलनाडु सरकार की तर्ज पर ईंधन पर करों में कमी की मांग की है, जिसने पेट्रोल पर करों में 3 रुपये प्रति लीटर की कमी की है. कांग्रेस ने ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है.

बोम्मई ने बचाव करते हुए कहा था कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के दौरान 2004 और 2014 के बीच ईंधन की कीमतों में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के सात वर्षों में ईंधन की कीमतों में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

वहीं, विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने मौजूदा भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसके कार्यकाल में महंगाई आपराधिक लूट के अलावा और कुछ नहीं है.

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