कर्नाटक: ईसाई समुदाय का करीब 40 हमलों का दावा, मंत्री ने कहा- धर्म के कारण कोई हमला नहीं, वीडियो मनगढ़ंत
By विशाल कुमार | Published: December 15, 2021 10:23 AM2021-12-15T10:23:41+5:302021-12-15T10:30:21+5:30
कर्नाटक सरकार में मंत्री डॉ. अश्वत्नारायण सीएन ने कहा है कि कर्नाटक में ईसाई समुदाय पर उनके धर्म के कारण कोई हमला नहीं हुआ है और एक अभियान चलाने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर हमलों में मोड़ दे दिया जाता है।
बेंगलुरु:कर्नाटक की बसवराज बोम्मई सरकार में मंत्री और पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. अश्वत्नारायण सीएन ने कहा है कि यहां कर्नाटक में ईसाई समुदाय पर उनके धर्म के कारण कोई हमला नहीं हुआ है और एक अभियान चलाने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर हमलों में मोड़ दे दिया जाता है। उन्होंने हमले के वीडियो को भी मनगढ़ंत करार दिया।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. सीएन ने कहा कि गिरजाघरों पर हमला किए जाने के आरोप निराधार हैं। हम सबसे शांतिपूर्ण राज्य (कर्नाटक) हैं । चर्चों या ईसाइयों पर हमला करने का कोई सवाल ही नहीं है। वे हमारे समाज का हिस्सा हैं।
हमलों का वीडियो होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनके व्यक्तिगत कारण हो सकते हैं और कोई इसे धार्मिक मोड़ नहीं दे सकता। किसी धर्म के आधार पर निशाना साधने का सवाल ही नहीं है। कुछ लोगों ने इसे एक तरह की धारणा या अभियान चलाने के लिए बनाया होगा। इसे कोई भी बना सकता है। निहित स्वार्थ वाले कुछ लोग इस तरह का अभियान चला रहे हैं।
यह संकेत देते हुए कि हमलों का धर्मांतरण विरोधी विधेयक से कोई संबंध नहीं है, उन्होंने कहा कि विधेयक को कैबिनेट या विधानसभा के समक्ष नहीं रखा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार में इस दिशा में काम करने, नियमन करने का विचार मात्र है।
जबकि पिछले हफ्ते, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि जबरन धर्मांतरण पर विधेयक राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र में चर्चा के लिए पेश होगा और यह राज्य में जबरन धर्मांतरण से बचने के लिए है।
सितंबर से चर्चों और ईसाई समुदाय पर कम से कम 7 हमले हुए
सितंबर में राज्य कैबिनेट ने धर्मांतरण रोधी विधेयक तैयार करने पर चर्चा शुरू की थी और उसके बाद से कर्नाटक में चर्चों और ईसाई समुदाय पर दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा कम से कम 7 हमलों की सूचना मिली है। इस दौरान धार्मिक पुस्तकों को जला दिया गया और भीड़ ने चर्चों में घुसकर उसके सदस्यों पर हमला किया।
अधिकतर हमले जबरन धर्मांतरण के अप्रमाणित आरोपों से पहले हुए हैं। चर्चों के प्रमुखों ने चिंता व्यक्त की है कि विधेयक लाए जाने से हिंसा में वृद्धि हो सकती है।
इस साल चर्चों और ईसाई समुदाय पर करीब 40 हमले हुए
यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम, एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स और यूनाइटेड अगेंस्ट हेट द्वारा तैयार एक फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जनवरी से सितंबर तक चर्चों और ईसाई समुदाय पर 32 हमले हुए हैं। वहीं, अक्टूबर से दिसंबर के बीच छह हमले हुए हैं।
भाजपा नेता ने कहा- डेटा आवश्यक नहीं, ईसाइयों की आबादी में साफ तौर पर बढ़ोतरी हुई
यह पूछे जाने पर कि क्या जबरन धर्मांतरण के कोई आंकड़े हैं, भाजपा के वरिष्ठ नेता वामन आचार्य ने कहा कि डेटा आवश्यक नहीं है क्योंकि यह साफ है। बहुत साफ तौर पर देखा गया, ईसाई आबादी में 0.5 प्रतिशत से 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
हालांकि, भारत की जनगणना के अंतिम उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि कर्नाटक में ईसाइयों की जनसंख्या 2001 में 1.91 फीसदी से गिरकर 2011 में 1.87 फीसदी हो गई है।