हासनः कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को संकेत दिया कि बिहार चुनाव के बाद कर्नाटक मंत्रिमंडल में फेरबदल पर विचार किया जा सकता है। नवंबर में कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूरे होने के बाद राज्य में नेतृत्व परिवर्तन और मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से यह बात कही। मंत्रिमंडल में फेरबदल के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सिद्धरमैया ने कहा, "चुनाव खत्म होने के बाद देखते हैं।" सिद्धरमैया ने सोमवार को अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ रात्रिभोज पर बैठक की थी।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, सिद्धरमैया और उनका खेमा मंत्रिमंडल में फेरबदल की योजना बना रहा है। सूत्रों ने कहा कि सरकार के कार्यकाल के ढाई साल पूरे होने के बाद किसी भी मंत्रिमंडल फेरबदल को इस बात का संदेश माना जाएगा कि सिद्धरमैया पूरी तरह से सत्ता में हैं। उन्होंने कहा कि यह उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के लिए एक झटका माना जा रहा है।
जिनके बारे में कहा जा रहा था कि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दावा पेश करने का इंतजार कर रहे हैं। शिवकुमार ने शनिवार को राज्य में मंत्रिमंडल फेरबदल की अटकलों को कोई तव्वजो न देते हुए इसे मीडिया में जारी "अफवाह" बताया था। राज्य के राजनीतिक हलकों में, खासकर सत्तारूढ़ कांग्रेस में पिछले कुछ समय से अटकलें लगाई जा रही हैं कि इस साल के अंत में मुख्यमंत्री बदला जा सकता है।
ऐसा माना जा रहा है कि 2023 में कांग्रेस की सरकार बनने के समय मुख्यमंत्री पद को लेकर एक गुप्त समझौता हुआ था। कांग्रेस विधायकों का एक वर्ग भी पिछले कुछ समय से मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की मांग कर रहा है। कर्नाटक में मुख्यमंत्री समेत 34 मंत्री हो सकते हैं। कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम में गबन के आरोपों के बाद मंत्री बी. नागेंद्र के इस्तीफे और हाल ही में के. एन. राजन्ना को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने के बाद मंत्रिमंडल में दो पद खाली हैं।