बीएस येदियुरप्पा के बाद कौन, अमित शाह और नड्डा ने की बैठक, बीएल संतोष, प्रल्हाद जोशी और मुरुगेश निरानी को नाम सबसे ऊपर
By सतीश कुमार सिंह | Published: July 26, 2021 02:07 PM2021-07-26T14:07:07+5:302021-07-26T14:55:18+5:30
केंद्रीय पर्यवेक्षक बेंगलुरु जाएंगे और वहां विधायक दल की बैठक में शिरकत करेंगे जहां नए नेता का नाम तय किया जाएगा। येदियुरप्पा कर्नाटक के प्रभावशाली लिंगायत समुदाय से आते हैं।
नई दिल्लीः कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से सोमवार को इस्तीफा दे दिया। उत्तराधिकारी के चयन को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी कवायद आरंभ कर दी है।उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपने के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात की।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इसी सिलसिले में सोमवार को संसद भवन परिसर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने एक बैठक की और इस मुद्दे पर आरंभिक चर्चा की। राज्य के खदान और भूगर्भ मंत्री मुरुगेश निरानी का नाम सबसे पहले हैं। लिंगायत समुदाय का समर्थन प्राप्त हैं।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद दौड़ में बीएल संतोष भी हैं। बीएल संतोष मौजूदा समय में बीजेपी के राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव हैं। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी (58) वरिष्ठ बीजेपी नेता हैं और साल 2004 से धारवाड़ से सांसद हैं। येदियुरप्पा का इस्तीफा ऐसे दिन आया है जब राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार अपनी दूसरी वर्षगांठ मना रही है।
It has been an honour to have served the state for the past two years. I have decided to resign as the Chief Minister of Karnataka. I am humbled and sincerely thank the people of the state for giving me the opportunity to serve them. (1/2)
— B.S. Yediyurappa (@BSYBJP) July 26, 2021
येदियुरप्पा ने अपनी सरकार के दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा, "मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया है। मैं दोपहर के भोजन के बाद राज्यपाल से मिलूंगा।" येदियुरप्पा ने कहा कि उनके पास अगले दो वर्षों तक कड़ी मेहनत करने और कर्नाटक में भाजपा को सत्ता में वापस लाने का "एकमात्र लक्ष्य" है, जहां 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं।
"पिछले दो वर्षों से राज्य की सेवा करना एक सम्मान की बात है। मैंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा देने का फैसला किया है। मैं राज्य के लोगों को उनकी सेवा करने का अवसर देने के लिए विनम्र और ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं।
मैं पीएम नरेंद्र मोदी जी, जेपी नड्डा जी और अमित शाह जी का उनके समर्थन के लिए आभारी हूं। 78 वर्षीय लिंगायत नेता को पिछले दो दशकों में राज्य में भाजपा का चेहरा माना जाता था। इससे पहले रविवार को उन्होंने संकेत दिया था कि वह इस्तीफा दे सकते हैं, जब राजनेता ने कहा कि वह "अगले 10-15 वर्षों तक भाजपा के लिए काम करना जारी रखेंगे"। सूत्रों का कहना है कि लिंगायत समुदाय के ही किसी प्रभावशाली नेता को मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपने पर भाजपा में विचार चल रहा है।