कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष ने 14 और बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया

By भाषा | Published: July 29, 2019 12:34 AM2019-07-29T00:34:25+5:302019-07-29T00:34:25+5:30

विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) ने यह कार्रवाई कांग्रेस के 11 और जद(एस) के तीन विधायकों के खिलाफ की है। इससे पहले तीन विधायकों को अयोग्य ठहराया गया था। इससे अब बहुमत हासिल करने के लिए जरूरी संख्या घट कर 104 रह गई है, जो भाजपा के मौजूदा 105 विधायकों से एक कम है।

Karnataka assembly speaker disqualified 14 rebel MLAs | कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष ने 14 और बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया

कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष ने 14 और बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया

कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार ने रविवार को 14 और बागी विधायकों को दलबदल रोधी कानून के तहत अयोग्य करार दिया। इस कार्रवाई से विधानसभा में बहुमत के लिए जरूरी संख्या घट कर 104 रह गई है और इससे हाल में बनी भाजपा सरकार के लिए सोमवार को विश्वासमत हासिल करना आसान हो गया है।

विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) ने यह कार्रवाई कांग्रेस के 11 और जद(एस) के तीन विधायकों के खिलाफ की है। इससे पहले तीन विधायकों को अयोग्य ठहराया गया था। इससे अब बहुमत हासिल करने के लिए जरूरी संख्या घट कर 104 रह गई है, जो भाजपा के मौजूदा 105 विधायकों से एक कम है।

भाजपा को एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन हासिल है। मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करना है और उन्होंने यकीन के साथ कहा, ‘‘सोमवार को मैं सौ फीसदी बहुमत साबित कर दूंगा।’’

कुमार ने विश्वास मत की पूर्व संध्या पर अपने फैसले की घोषणा जल्दबाजी में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में की। उनका यह फैसला येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के दो दिन बाद आया है। हालांकि, बागी विधायकों ने कहा कि वे स्पीकर के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों द्वारा दिये गए इस्तीफों को खारिज कर दिया और संबद्ध पार्टियों द्वारा दी गई अर्जियों को स्वीकार करते हुए विधायकों को अयोग्य करार दिया।

17 बागी विधायकों को वर्तमान विधानसभा के 2023 में कार्यकाल समाप्त होने तक सदन की सदस्यता से अयोग्य करार दिये जाने से 224 सदस्यीय विधानसभा (स्पीकर को छोड़कर, जिन्हें मत बराबर होने की स्थिति में मतदान का अधिकार है) में प्रभावी संख्या 207 हो गई है।

बहुमत के लिए जरूरी जादुई आंकड़ा 104 होगा। भाजपा के पास एक निर्दलीय विधायक के समर्थन से 106 सदस्य, कांग्रेस के पास 66 (मनोनीत सदस्य सहित), जद(एस) के पास 34 विधायक हैं। वहीं, एक बसपा सदस्य को उनकी पार्टी ने निष्कासित कर दिया है क्योंकि उन्होंने 23 जुलाई को विश्वासमत के दौरान कुमारस्वामी सरकार के लिए मतदान नहीं किया था। एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार द्वारा पेश विश्वास मत पर मतविभाजन के समय 20 विधायकों के अनुपस्थित रहने से उनकी सरकार गिर गई थी। इन 20 विधायकों में 17 बागियों के अलावा एक..एक विधायक कांग्रेस और बसपा से, जबकि एक निर्दलीय था।

कुमार ने अपने फैसले को उचित ठहराते हुए कहा, ‘‘मैंने अपने न्यायिक विवेक का इस्तेमाल किया...।’’ स्पीकर का यह फैसला ऐसे समय आया है, जब भाजपा ने यह संकेत दिया है कि यदि उन्होंने स्वेच्छा से पद नहीं छोड़ा तो वह उनके खिलाफ सोमवार को विधानसभा की बैठक के दौरान अविश्चास प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है। सदन में विश्वास मत से पहले विश्वास से लबरेज दिख रहे येदियुरप्पा ने कहा कि वित्त विधेयक विश्वासमत हासिल करने के बाद पारित किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इसमें कोई बदलाव नहीं किया है। मैं (पूर्ववर्ती) कांग्रेस...जदएस सरकार द्वारा तैयार वित्त विधेयक पेश करूंगा।’’ उन्होंने कहा कि वित्त विधेयक (विनियोग विधेयक) को जल्द पारित करने की जरुरत है, नहीं तो ‘‘हम (सरकारी कर्मचारियों के) वेतनों का भुगतान के लिए भी धनराशि नहीं निकाल पाएंगे।’’ कुमार ने कहा कि उन्होंने यह कार्रवाई बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली कांग्रेस और जद(एस) की अर्जियों पर की है।

इन विधायकों ने विधानसभा सदस्य के तौर पर अपने इस्तीफे भी सौंप दिये थे और वे कुमारस्वामी द्वारा पेश विश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन के दौरान मौजूद नहीं थे। कुमार ने कहा कि उन्होंने बागी विधायकों के उस अनुरोध को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने अपने इस्तीफों और उनके खिलाफ अयोग्य ठहराने की अर्जियों को लेकर उनके समक्ष पेश होने के लिए और चार सप्ताह का समय मांगा था स्पीकर ने इससे पहले तीन बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के समय ही स्पष्ट कर दिया था कि दलबदल रोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराया गया कोई भी सदस्य वर्तमान सदन के कार्यकाल की समाप्ति तक चुनाव नहीं लड़ सकता या निर्वाचित नहीं हो सकता।

इस दलील को भाजपा, बागी विधायकों और कई अन्य विधिक विशेषज्ञों ने चुनौती दी है। विधानसभा अध्यक्ष ने इन विधायकों के नाम पढ़ते हुए कहा, ‘‘ये तत्काल प्रभाव से 15वीं विधानसभा के कार्यकाल की समाप्ति (2023 में) तक विधायक नहीं रहेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने यह निर्णय जिम्मेदारी और भय के साथ लिया है।’’ कुमार ने भावुक होते हुए कहा, ‘‘जिस तरह से एक विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर इन चीजों से निपटने को लेकर मुझ पर मानसिक दबाव डाला जा रहा है, मैं काफी अवसाद में चला गया हूं।’’

अयोग्य ठहराये गए विधायक हैं:

प्रताप गौड़ा पाटिल, बी सी पाटिल, शिवराम हेब्बर, एस टी सोमशेखर, बी बसावराज, आनंद सिंह, रोशन बेग, मुनीरत्न, के. सुधाकर और एम टी बी नागराज और श्रीमंत पाटिल (सभी कांग्रेस के)। अन्य पार्टी विधायकों रमेश जरकीहोली, महेश कुमातली और शंकर को बृहस्पतिवार को अयोग्य ठहराया गया था। कार्रवाई का सामना करने वाले जद(एस) के विधायकों में गोपालैयाह, ए एच विश्वनाथ और नारायण गौड़ा हैं। अयोग्य ठहराये गए बागी विधायकों में से कई अभी भी मुम्बई में रुके हुए हैं।

उन्होंने कहा कि वे स्पीकर की कार्रवाई को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे। अयोग्य घोषित किए गए विधायक प्रताप गौड़ा पाटिल ने मतदाताओं के लिए जारी एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘प्रिय मतदाताओं और मेरे शुभचिंतको, विधानसभा अध्यक्ष ने मुझे विधानसभा से अयोग्य घोषित करने का आदेश जारी किया है...घबराने की कोई जरूरत नहीं है, हम इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दे रहे हैं।’’

इसके साथ ही एक अन्य अयोग्य विधायक मुनिरत्न ने एक स्थानीय समाचार चैनल से कहा कि वे इस बात से अवगत थे कि उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा क्योंकि कांग्रेस नेताओं ने उन्हें इस बारे में धमकी दी थी। मुनिरत्न ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के कई नेता गठबंधन मंत्रिमंडल की समाप्ति चाहते थे। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के भीतर नेताओं ने सरकार को निर्बाध ढंग से चलाने में कुमारस्वामी का सहयोग तक नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘वे (कांग्रेस नेता) अब यह दिखाने का खेल कर रहे हैं कि वे जद (एस) के प्रति वफादार हैं...आगामी दिनों में लोगों के सामने हम हर चीज का खुलासा कर देंगे।’’

भाजपा ने स्पीकर की कार्रवाई की आलोचना की और इसे ‘‘अनुचित और कानून के खिलाफ बताया।’’ उसने कहा कि यह कार्रवाई एक पार्टी की ओर से ‘‘बढ़ते दबाव के चलते की गई है।’’ भाजपा के वरिष्ठ नेता गोविंद करजोल ने कहा, ‘‘यह प्रेरित और दोषपूर्ण आदेश है।’’ उन्होंने कहा कि बागी विधायक इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे जहां से उन्हें ‘‘न्याय मिलना’’ तय है।

करजोल ने कहा कि विधायकों ने खुद ही पद छोड़ा था और उनके इस्तीफे स्वीकार किये जाने चाहिए। कर्नाटक कांग्रेस ने बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले का स्वागत किया है। पार्टी ने ट्वीट किया,‘‘जनता की अदालत भी इन विधायकों को उचित सजा देगी जिन्होंने गठबंधन सरकार गिराने के लिए भाजपा से हाथ मिला कर अपनी पार्टियों और जनता को धोखा दिया।’’

कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने एक ट्वीट में विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को ‘‘लोकतंत्र की जीत’’ बताया। जद(एस) ने भी विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय का स्वागत करते हुए ट्वीट कर कहा, ‘‘सत्ता और धन के प्रलोभन में आकर जनादेश और पार्टी व्हिप की अवहेलना करने वाले विधायकों को अयोग्य ठहरा कर विधानसभा अध्यक्ष ने उन लोगों को एक कड़ा संदेश दिया है जिन्होंने लोकतंत्र को उखाड़ने का प्रयास किया।’’ विधानसभा अध्यक्ष ने सत्र से एक दिन पहले अपने आदेश को जल्दबाजी में सुनाये जाने को उचित ठहराते हुए कहा कि उन्हें ऐसा सोमवार को विधानसभा की बैठक के मद्देनजर करना था, जिसका ‘‘विशिष्ट एजेंडा’’ विश्वास प्रस्ताव को लेना और महत्वपूर्ण विनियोग विधेयक पारित करना है।

भाजपा द्वारा उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘आने दीजिये। आप देखेंगे कि मैं कैसे व्यवहार करता हूं। मैं अध्यक्ष के आसन पर रहूंगा...अपने कर्तव्यों का निर्वहन करूंगा..देखते हैं कि क्या होता है।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें बसपा के निष्कासित विधायक महेश के खिलाफ भी शिकायत मिली है जिन्होंने मंगलवार को विश्वास मत प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया था और कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में मतदान करने के पार्टी के निर्देश की अवहेलना की थी।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली एक पीठ ने गत बुधवार को विधानसभाध्यक्ष को 15 विधायकों के इस्तीफे पर अपने विवेक के अनुसार समयसीमा के अंदर निर्णय करने की स्वतंत्रता दी थी। पीठ ने यह भी फैसला दिया था कि बागी विधायकों को विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। 76 वर्षीय येदियुरप्पा ने शुक्रवार को चौथी बार मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। उन्होंने शपथ लेने के बाद कहा कि वह 29 जुलाई को सदन में अपना बहुमत साबित करेंगे। 

Web Title: Karnataka assembly speaker disqualified 14 rebel MLAs

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