Karnataka Assembly Elections 2023: भाजपा ने वरुणा और कनकपुरा में दिग्गज डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के खिलाफ वी सोमन्ना और आर अशोक को मैदान में उतारा
By अनुभा जैन | Published: April 13, 2023 04:04 PM2023-04-13T16:04:07+5:302023-04-13T16:09:01+5:30
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा आलाकमान ने प्रभावशाली मंत्रियों आर अशोक और वी सोमन्ना को ’दोहरा जोखिम’ दिया है और उन्हें क्रमशः डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के खिलाफ उतारा है।

फाइल फोटो
बेंगलुरु: राज्य विधानसभा चुनावों में नए प्रयोग करने वाले भाजपा आलाकमान ने प्रभावशाली मंत्रियों आर अशोक और वी सोमन्ना को ’दोहरा जोखिम’ दिया है और उन्हें क्रमशः डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के खिलाफ उतारा है। भाजपा की पहली प्रकाशित सूची में इन दोनों के नामों ने दिग्गजों की ओर ध्यान खींचा है। इन दोनों वरिष्ठ मंत्रियों के नाम ’गठबंधन और समायोजन’ की राजनीति के खिलाफ भाजपा का स्पष्ट संदेश है जबकि वरुणा और कनकपुरा निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा के सामने एक जबरदस्त वोट शेयर चुनौती है।
भाजपा नेताओं ने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में आसानी से जीतने वाले राजनीतिक विरोधियों को साधने की कोशिश में नई रणनीति तैयार की है। मंत्री और छह बार विधायक रह चुके आर अशोक, कनकपुरा में अगले सीएम आकांक्षी डीके शिवकुमार के खिलाफ लड़ेंगे। जबकि पांच बार विधायक रहे वी सोमन्ना को वरुणा में पूर्व सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ हाई कमान ने चुनाव लड़ने का आदेश दिया गया है।
पार्टी ने डीके के खिलाफ अपनी ताकत दिखाने के लिए पद्मनाभनगर के साथ कनकपुर में अशोक को मैदान में उतारने का फैसला किया है। सोमन्ना और अशोक क्रमशः चामराजनगर और पद्मनाभनगर से भी चुनाव लड़ेंगे। वरुणा में बड़ी संख्या में लिंगायत सोमन्ना के हित में है। आवास मंत्री वी सोमन्ना ने कहा, “वरुणा विधानसभा क्षेत्र मेरे लिए नया नहीं है। मेरा वहां वर्षों का संपर्क है लेकिन सिद्धारमैया जितना नहीं, जो वहां के विधायक थे। मैं अपना काम करूंगा।"
मालूम हो कि सोमन्ना ने बीजेपी के दिग्गज बीएस येदियुरप्पा से मुलाकात की और बातचीत की। राजस्व मंत्री आर अशोक ने कहा, “केपीसीसी अध्यक्ष शिवकुमार के खिलाफ मुझे मैदान में उतारने का फैसला हैरान करने वाला था। मैं एक अनुशासित सिपाही हूं और पार्टी मुझसे जो भी कहेगी मैं करूंगा। मैं लड़ूंगा और बाकी भाग्य है।"
चामराजनगर जिले के प्रभारी शिवकुमार सोमन्ना को चामराजनगर के अतिरिक्त वरुणा निर्वाचन क्षेत्र दिया गया है। ये चुनावी दक्ष हैं, राज्य फतह करने की क्षमता से दक्ष हैं और पार्टी ने जीत को तौलकर डीके शिवकुमार जैसे मजबूत विरोधियों के मुकाबले में इन्हें उतारा है। ये मंत्री शक्तिशाली समुदायों के प्रबल विरोधी के रूप में शिवकुमार और सिद्धारमैया के खिलाफ लड़ेंगे। यह प्रपंच डीकेएस और सिद्दू को राज्य में घूमने से रोकने के साथ उन्हें आसानी से जीतने में भी रोक सकता है।
वरुणा और कनकपुरा उन कई निर्वाचन क्षेत्रों में से हैं जहां भाजपा कमजोर उम्मीदवारों को खड़ा करती थी। यह उल्लेख करना उचित है कि सोमन्ना सिद्धारमैया के खिलाफ चुनाव लड़ने में थोड़ा हिचकिचा रहे थे, जिनके साथ राजनीति में उनके मित्रवत संबंध हैं। यह पता चला है कि अश्वत्थानारायण को रामनगर में निखिल कुमारस्वामी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए निर्देशित किया जाना है।
पुराने मैसूर क्षेत्र में भी कमल को खिलने के महत्वाकांक्षी प्रयास के तहत भाजपा नेता बहु-दिवसीय विचार प्रयोग के साथ आगे बढ़े हैं। हाईकमान का हिसाब पार्टी में इस कमी को दूर करने के लिए है कि नेताओं के पास काबिल विरोधी नहीं है। भाजपा नेताओं ने कहा कि इस गणना से चुनावी अखाड़ा रंगेगा और पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ेगा।