कर्नाटक: लोकसभा चुनाव के बाद 14 हजार किसानों के खातों से ‘गायब’ हुए कर्जमाफी के रुपये, जानिए पूरा मामला?
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: June 13, 2019 05:44 AM2019-06-13T05:44:59+5:302019-06-13T05:44:59+5:30
मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की चुनाव से पहले कर्जमाफी स्कीम के तहत जमा हुए थे। जब 3 जून को खाता तेक किया गया तो सारे पैसे गायब थे।
कर्नाटक के यादगिर जिले के सागर गांव में कुछ अनोखा हुआ है। वहां रहने वाले शिवप्पा के बैंक खाते में अप्रैल 2019 के दौरान 43,553 रुपए जमा हुए थे। ये पैसे मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की चुनाव से पहले कर्जमाफी स्कीम के तहत जमा हुए थे। जब 3 जून को खाता तेक किया गया तो सारे पैसे गायब थे।
14 हजार किसानों ने लगाया आरोप
केवल एक शिवप्पा के साथ ही ऐसा कर्नाटक में नहीं हुआ है। कई किसान इसका शिकार हो गए हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे कर्नाटक में 13,988 किसानों के खातों में चुनाव से पहले कर्जमाफी की रकम आई थी, लेकिन चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद सारे रुपए निकाल लिए गए हैं।
किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार ने केवल वोट हासिल करने के लिए चुवाल भर के लिए खाते में पैसे डाले थे और बाद में उसको निकाल लिया है। जबकि मामला बढ़ने पर कर्नाटक सरकार ने इन आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है।
सरकार की ओर से कहा गया है कि विरोधी दल बेबुनियाद और झूठी अफवाह फैला रही है। सीएम कुमारस्वामी ने मंगलवार (11 जून) को ट्वीट में लिखा कि कर्जमाफी की रकम राष्ट्रीयकृत बैंकों में ट्रांसफर की गई थी। ये बैंक केंद्र सरकार के नियंत्रण में आती हैं। राज्य सरकार द्वारा इस मामले का ऑडिट कराया जाएगा और करोड़ों रुपए बचाने की कोशिश की जाएगी।
सेटलमेंट एंड लैंड रिकॉर्ड्स के सर्वे कमिश्नर मुनीष मुदगिल के नेतृत्व में कर्जमाफी योजना लागू की गई थी। जिसमें साढ़े 7 लाख योग्य किसानों का डेटा दिया था, जिन्हें 3,930 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए थे।