CAB Debate: कपिल सिब्बल ने शाह की बात का दिया जवाब, कहा- इस देश का मुसलमान आपसे डरता नहीं है!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 11, 2019 04:10 PM2019-12-11T16:10:33+5:302019-12-11T16:23:06+5:30
इस विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने अमित शाह की बात का जवाब देते हुए कहा कि इस देश का मुसलमान आपसे डरता नहीं है।
नागरकिता संशोधन विधेयक पर नागरिकता संशोधन विधेयक बुधवार को राज्यसभा में भी पेश कर दिया गया है। इस विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने अमित शाह की बात का जवाब देते हुए कहा कि इस देश का मुसलमान आपसे डरता नहीं है। सिब्बल ने कहा कि इस देश का मुसलमान देश के संविधान से डरता है। गौरतलब है कि अमित शाह ने विधेयक पेश करते हुए कहा था कि इस बिल से देश के मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है। नागरिकता संसोधन विधेयक पर राज्यसभा में चर्चा जारी है।
कपिल सिब्बल के भाषण की बड़ी बातेंः-
- जिसे भारत के बारे में कोई विचार नहीं है वो भारत के विचार की रक्षा नहीं कर सकता। सिब्बल ने कहा कि गृहमंत्री शाह को अपने उस बयान को वापस लेना चाहिए जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर धर्म के आधार पर बंटवारे का आरोप लगाया था। सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस वन नेशन में भरोसा रखती है, आप नहीं रखते।
- सिब्बल ने कहा कि पता नहीं अमित शाह इतिहास की कौन सी किताब पढ़ते हैं। टू नेशन थ्योरी हमारी नहीं। सावरकर की दी हुई है।
- इस देश का मुसलमान आपसे डरता नहीं है। ना मैं डरता हूं ना कोई नागरिक डरता है। सिब्बल ने कहा कि इस देश का नागरिक संविधान से डरता है।
- कपिल सिब्बल ने कहा कि हमें 2014 से मालूम है कि आपका मकसद। कभी NRC, कभी आर्टिकल 370, कभी नागरिकता संशोधन विधेयक। आपका मकसद हम अच्छी तरह समझते हैं कि आप लोगों के नाम से उनको देश का नागरिक मानने की कोशिश कर रहे हैं।
Kapil Sibal, Congress in Rajya Sabha during discussion on #CitizenshipAmmendmentBill2019 : Those who have no idea of India cannot protect the idea of India. https://t.co/l19Ths6Nid
— ANI (@ANI) December 11, 2019
इससे पहले नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा करते हुए कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि अभी तक 9 संशोधन आए हैं जिसके तहत गोवा, दमन-दीव, पुड्डूचेरी, युंगाडा, श्रीलंका, केन्या से आए लोगों को भारत की नागरिकता दी गई। उन्होंने कहा भारत ने सदियों से लोगों को शरण दी है। यहूदी-पारसी-ईसाई सभी को भारत ने शरण दी थी। लेकिन यह विधेयक संविधान की परीक्षा में फेल होता है।