कांवड़ियों के 'आतंक' पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार, 'अपना घर जलाकर हीरो बनो, दूसरों की संपत्ति नहीं'

By पल्लवी कुमारी | Published: August 10, 2018 03:22 PM2018-08-10T15:22:33+5:302018-08-10T15:22:33+5:30

कावड़ियों के इसी तांडव को देखते सुप्रीम कोर्ट ने कहा- तोड़-फोड़ और उत्पात मचाने वाले कावड़ियों के खिलाफ पुलिस फौरन कार्रवाई करें।

Kanwariya violence: Supreme court says action against accused Kanwariya | कांवड़ियों के 'आतंक' पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार, 'अपना घर जलाकर हीरो बनो, दूसरों की संपत्ति नहीं'

कांवड़ियों के 'आतंक' पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार, 'अपना घर जलाकर हीरो बनो, दूसरों की संपत्ति नहीं'

नई दिल्ली, 10 अगस्त:  सावन में कावड़ियों का उत्पात काफी देखने को मिल रहा है। कभी दिल्ली के मोती नगर में कार के साथ तोड़-फोड़ तो कभी बुलंदशहर में पुलिस वैन के साथ तोड़-फोड़। कावड़ियों के इसी तांडव को देखते हुए मामला सुप्रीम कोर्ट में उठा। जिस पर उत्पात मचाने वालों को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ठ ने साफ किया है कि इस तरीके से उत्पात मचाने वालों को सजा मिलनी चाहिए। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना गंभीर बात है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने कहा कि इलाहाबाद में नेशनल हाईवे के एक हिस्से को कावंडियों ने बंद कर दिया। सख्त आलोचना करते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने ऐसा कांवड़ियों के लिए कहा कि आप अपने घर को जलाकर हीरो बन सकते हैं लेकिन तीसरे पक्ष की संपत्ति नहीं जला सकते है। 

अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने पीठ से कहा कि इस तरह की तोड़फोड़ और दंगे की घटनाओं के मामले में क्षेत्र के पुलिस अधीक्षक जैसे प्राधिकारियों की जवाबदेही निर्धारित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के किसी न किसी हिस्से में लगभग हर सप्ताह ही हिंसक विरोध प्रदर्शन और दंगे की घटनायें हो रही हैं।। उन्होंने महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के लिये विरोध प्रदर्शन, अजा-अजजा मामले में शीर्ष अदालत के फैसले के बाद देश भर में हुयी हिंसा और अब हाल ही में कांवड़ियों की संलिप्तता वाली हिंसक घटनाओं का विशेष रूप से उल्लेख किया। 

वहीं, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने भी अनुचित व्यवहार के लिए कांवड़ियों की निंदा की और सवाल किया कि क्या धर्म के नाम पर गुंडागर्दी को अनुमति दी जानी चाहिए? कुमार ने ट्वीट किया, ''गुंडागर्दी का सार्वजनिक प्रदर्शन अस्वीकार्य होना चाहिए। राष्ट्रीय राजमार्गों पर कांवड़ियों का व्यवहार सार्वजनिक संकट है। प्रदेश के अधिकारी इस आवागमन पर नियंत्रण क्यों नहीं करते, वे तेज आवाज के संगीत और घंटों तक सड़कों पर कब्जे को क्यों नहीं रोकते। क्या धर्म के नाम पर गुंडागर्दी को अनुमति होनी चाहिए?'' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीति आयेाग के अध्यक्ष हैं।

पुलिस मुताबिक, 20 से अधिक कांवड़ियों ने सात अगस्त को एक सैंट्रो कार को नुकसान पहुंचाया था।कार सवार व्यक्ति ने विवाद के बाद एक कांवड़िये को कथित तौर पर थप्पड़ मार दिया था जिसके बाद कांवड़िये भड़क गए।

वहीं बदायूं जिले के बिनावर क्षेत्र में आज ट्रक की टक्कर लगने से सवारी गाड़ी पर सवार अपने करीब 20 साथियों के घायल होने से नाराज कांवड़ियों ने वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की।

(भाषा इनपुट) 

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Web Title: Kanwariya violence: Supreme court says action against accused Kanwariya

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