राजद्रोह केस पर पूर्व JNU छात्र कन्हैया कुमार ने केजरीवाल सरकार का किया शुक्रिया, ट्वीट कर कही ये बात
By धीरज पाल | Published: February 28, 2020 11:55 PM2020-02-28T23:55:20+5:302020-02-29T00:02:10+5:30
कन्हैया कुमार के अलावा, जेएनयू के पूर्व छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया था। ऐसे में कन्हैया कुमार के साथ इन दोनों पर भी राजद्रोह का मुकदमा चलेगा।
पूर्व जेएनयू छात्र कन्हैया कुमार ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को राजद्रोह केस चलाने की मंजूरी देने के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली सरकार को सेडिशन केस की परमिशन देने के लिए धन्यवाद। कन्हैया कुमार ने लिखा कि दिल्ली पुलिस और सरकारी वक़ीलों से आग्रह है कि इस केस को अब गंभीरता से लिया जाए, फॉस्ट ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल हो और TV वाली ‘आपकी अदालत’ की जगह क़ानून की अदालत में न्याय सुनिश्चित किया जाए। सत्यमेव जयते।
बता दें कि कन्हैया कुमार के अलावा, जेएनयू के पूर्व छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया था। ऐसे में कन्हैया के साथ इन दोनों पर भी देशद्रोह का मुकदमा चलेगा। वहीं, कन्हैया ने ट्वीट एक और ट्वीट में लिखा कि सेडिशन केस में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट और त्वरित कार्रवाई की जरुरत इसलिए है ताकि देश को पता चल सके कि कैसे सेडिशन क़ानून का दुरूपयोग इस पूरे मामले में राजनीतिक लाभ और लोगों को उनके बुनियादी मसलों से भटकाने के लिए किया गया है।
जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर वर्ष 2016 में जेएनयू परिसर में लगे भारत विरोधी नारे और नफरत फैलाने केआरोप को लेकर दिल्ली पुलिस ने अरविंद केजरीवाल सरकार के पास सालभर पहले आरोपत्र दाखिल किया था। कन्हैया कुमार पर देशद्रोह समेत 8 धाराएं लगाई गई हैं।
दिल्ली सरकार को सेडिशन केस की परमिशन देने के लिए धन्यवाद। दिल्ली पुलिस और सरकारी वक़ीलों से आग्रह है कि इस केस को अब गंभीरता से लिया जाए, फॉस्ट ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल हो और TV वाली ‘आपकी अदालत’ की जगह क़ानून की अदालत में न्याय सुनिश्चित किया जाए। सत्यमेव जयते।
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) February 28, 2020
कन्हैया कुमार की हुई थी गिरफ्तारी
बता दें कि कन्हैया कुमार को 2015 में जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) के छात्रसंघ के अध्यक्ष पद के लिए चुना गया था। 9 फरवरी 2016 में जेएनयू में एक कार्यक्रम हुआ था। आरोप है कि इसमें कन्हैया कुमार ने मोहम्मद अफजल गुरु को फांसी के खिलाफ नारे लगाए थे। इसी मामले में कन्हैया कुमार पर राजद्रोह का आरोप है। दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार को गिरफ्तार भी किया था। फिर 2 मार्च 2016 में अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
पिछले दिनों दिल्ली पुलिस ने अरविंद केजरीवाल सरकार को पत्र लिखकर किया था अनुरोध
दिल्ली पुलिस ने को आप सरकार को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य पर राजद्रोह के मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी देने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। उल्लेखनीय है कि दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली सरकार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य पर देशद्रोह के मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी के मुद्दे पर तीन अप्रैल को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (सीएमएम) पुरुषोत्तम पाठक ने दिल्ली पुलिस को यह निर्देश भी दिया कि दिल्ली सरकार को कुमार पर अभियोजन के लिए जरूरी मंजूरी के बारे में याद दिलाया जाए। पुलिस ने दलील दी कि कुमार और अन्य लोगों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी अभी तक नहीं दी गयी है और मंजूरी का अनुरोध करने वाला पत्र जीएनसीटीडी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार) के पास लंबित है। इसके बाद अदालत ने निर्देश जारी किये।
पुलिस ने कन्हैया कुमार और जेएनयू के पूर्व छात्रों उमर खालिद तथा अनिर्बान भट्टाचार्य समेत अन्य लोगों के खिलाफ अदालत में 14 जनवरी को आरोपपत्र दाखिल किया और कहा था कि उन्होंने 9 फरवरी, 2016 को परिसर में एक समारोह में लगाये गये देशद्रोह के नारों का समर्थन किया और जुलूस निकाला था।
इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ राजद्रोह के मामले में अभियोजन की मंजूरी देने पर ‘जल्द फैसला’ करने लिए संबंधित विभाग को कहेंगे।