कंगना ने उद्धव सरकार को कहा गुंडा सरकार, बोलीं- सोनिया सेना.. बाबर सेना से भी बदतर
By गुणातीत ओझा | Published: October 13, 2020 06:46 PM2020-10-13T18:46:19+5:302020-10-13T18:46:19+5:30
बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की महाराष्ट्र सरकार के प्रति नफरत दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के धार्मिक स्थल न खोलने के फैसले पर निशाना साधते हुए उसे 'गुंडा सरकार' कहा है।
मुंबई। बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की महाराष्ट्र सरकार के प्रति नफरत दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के धार्मिक स्थल न खोलने के फैसले पर निशाना साधते हुए उसे 'गुंडा सरकार' कहा है। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कोविड बचावों के साथ धार्मिक स्थलों को खोलने पर फैसला लेने के लिए कहा था। कोश्यारी द्वारा महाराष्ट्र सरकार को लिखे पत्र को ट्वीट कर कंगना ने लिखा- "ये जानकर अच्छा लगा कि गुंडा सरकार से माननीय राज्यपाल साहब सवाल कर रहे हैं, गुंडों ने बार और रेस्त्रां खोल दिए लेकिन रणनीति के तहत मंदिरों को अभी भी बंद रखा है। सोनिया सेना, बाबर की सेना से भी खराब बर्ताव कर रही है।"
Nice to know Gunda government is being questioned by Honourable Governor sir, Gundas have opened bars and restaurants but strategically keeping temples shut. Sonia Sena is behaving worse than Babur Sena .... #Governorhttps://t.co/qgLDxB9erd
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) October 13, 2020
बताते चलें कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक लेटर लिखा था जिसमें, उन्होंने कहा कि 1 जून से आपने मिशन अगेन शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन अब चार महीने बीत जाने के बाद भी पूजा स्थल नहीं खोले जा सके हैं। राज्यपाल ने कहा, 'यह विडंबना है कि एक तरफ सरकार ने बार और रेस्तरां खोले हैं, लेकिन दूसरी तरफ, देवी और देवताओं के स्थल को नहीं खोला गया है। आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं। आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्ति जाहिर की है।' कोश्यारी ने अपने पत्र में आगे कहा, 'आपने आषाढ़ी एकादशी पर विट्ठल रुक्मणी मंदिर का दौरा किया था, क्या आपने अचानक खुद को सेक्युलर बना लिया है? जिस शब्द से आपको नफरत है?'
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल बी एस कोश्यारी को सूचित किया है कि राज्य में कोविड-19 संबंधी हालात की पूरी समीक्षा के बाद धार्मिक स्थलों को पुन: खोलने का फैसला किया जाएगा। ठाकरे ने कोश्यारी के सोमवार को लिखे पत्र के जवाब में मंगलवार को पत्र लिखकर कहा कि राज्य सरकार इन स्थलों को पुन: खोलने के उनके अनुरोध पर विचार करेगी। कोश्यारी ने अपने पत्र में कहा था कि उनसे तीन प्रतिनिधिमंडलों ने धार्मिक स्थलों को पुन: खोले जाने की मांग की है। ठाकरे ने अपने जवाब में कहा कि यह संयोग है कि कोश्यारी ने जिन तीन पत्रों का जिक्र किया है, वे भाजपा पदाधिकारियों और समर्थकों के हैं। कोश्यारी आरएसएस से जुड़े रहे हैं और भाजपा के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। उन्हेंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा था, ‘‘क्या आप अचानक धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं?’’ इसके जवाब में ठाकरे ने सवाल किया कि क्या कोश्यारी के लिए हिंदुत्व का मतलब केवल धार्मिक स्थलों को पुन: खोलने से है और क्या उन्हें नहीं खोलने का मतलब धर्मनिरपेक्ष होना है। ठाकरे ने कहा, ‘‘क्या धर्मनिरपेक्षता संविधान का अहम हिस्सा नहीं है, जिसके नाम पर आपने राज्यपाल बनते समय शपथ ग्रहण की थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोगों की भावनाओं और आस्थाओं को ध्यान में रखने के साथ साथ, उनके जीवन की रक्षा करना भी अहम है। लॉकडाउन अचानक लागू करना और समाप्त करना सही नहीं है।’’