कंगना रनौत फिर विवादों में, 1947 में जो आजादी मिली, वो भीख थी, भाजपा सांसद वरुण गांधी, जीतन राम मांझी ने बोला हमला
By एस पी सिन्हा | Published: November 11, 2021 07:51 PM2021-11-11T19:51:17+5:302021-11-11T19:53:16+5:30
अभिनेत्री कंगना रनौत ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि भारत को ‘असली आजादी’ 2014 में मिली, जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई, वहीं 1947 में देश को जो स्वतंत्रता मिली थी वह ‘भीख’ में मिली थी.
पटनाः बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के द्वारा आजादी को भीख में मिलना बताये जाने के बाद बिहार में सियासत गर्मा गई है. कंगना रनौत के बयान के बाद हिन्दुस्तानी आवामी मोर्चा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने निशाना साधा है.
ट्वीट कर कड़ा विरोध जताते हुए राष्ट्रपति से मांग की है कि कंगना से ये सम्मान वापस ले लेना चाहिए. जीतन राम मांझी ने ट्वीट में आगे लिखा है कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो दुनिया समझेगी कि गांधी, नेहरू, भगत सिंह, पटेल, कलाम, मुखर्जी, सावरकर सब के सब ने भीख मांगी तो आजादी मिली!
उन्होंने आगे लिखा है कि ऐसी कंगना पर लानत है. दरअसल, कंगना रनौत ने कहा है कि अगर ऐसी मिलती है तो क्या हो आजादी हो सकती है. कंगना ने आगे कहा है कि 1947 में जो आजादी मिली थी वो भीख थी, असली आजादी 2014 में मिली है. कंगना रनौत को हाल ही में पद्म श्री सम्मान दिया गया है.
भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी समेत कई नेताओं, सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं एवं अन्य लोगों ने बुधवार शाम को एक कार्यक्रम में दिये गये अभिनेत्री के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने अपने ट्विटर हैंडल पर रनौत के बयान वाला वीडियो क्लिप भी साझा किया.
24 सेकंड के इस क्लिप में रनौत को कहते सुना जा सकता है, '' 1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी और जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली।'' वह एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में बोल रही थीं जिसमें उनकी बात पर कुछ श्रोताओं को ताली बजाते भी सुना जा सकता है. वरुण ने कहा, ‘‘यह राष्ट्र-विरोधी कृत्य है और इसे यही कहा जाना चाहिए. इसे ऐसा नहीं कहना उन लोगों के साथ विश्वासघात होगा जिन्होंने अपना खून बहाया और आज हम एक देश के रूप में तनकर और आजाद खड़े हो सकते हैं.’’
कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) November 11, 2021
इस सोच को मैं पागलपन कहूँ या फिर देशद्रोह? pic.twitter.com/Gxb3xXMi2Z
उन्होंने कहा कि लोग कभी हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के असंख्य बलिदानों को नहीं भूल सकते जिसमें लाखों लोगों की जान गयी और कई परिवार तबाह हो गये। उन्होंने कहा कि इन शहादतों को इस ‘शर्मनाक तरीके’ से अपमानित करने को केवल लापरवाही वाला या संवेदनाहीन बयान नहीं कहा जा सकता.
कंगना रनौत की आलोचना करते हुए वरुण ने ट्वीट कर कहा, ''कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार.
इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?'' रनौत का ट्विटर एकाउंट निलंबित कर दिया गया है और उन्होंने इंस्टाग्राम पर पलटवार किया। उन्होंने लिखा, ‘‘मैंने बिल्कुल साफ कहा है कि 1857 की क्रांति, पहला स्वतंत्रता संग्राम थी, जिसे दबा दिया गया और इसके परिणामस्वरूप अंग्रेजों के जुल्म व क्रूरता और बढ़ गए तथा करीब एक शताब्दी बाद हमें गांधी जी के भीख के कटोरे में आजादी दी गई।''
आम आदमी पार्टी (आप) ने बृहस्पतिवार को मुंबई पुलिस को एक शिकायत देकर आग्रह किया कि फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ उनकी उस ‘राजद्रोही’ टिप्पणी के लिए मामला दर्ज किया जाए. आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य प्रीति शर्मा मेनन ने अभिनेत्री की टिप्पणी को ‘ राजद्रोही और भड़काऊ’ बताया है.
मेनन ने एक ट्वीट में कहा कि आप रनौत के अपमानजनक बयान की कड़ी निंदा करती है- जिसमें दावा किया गया है कि 1947 की भारत की स्वतंत्रता "भीख" थी, न कि वास्तविक स्वतंत्रता। एक अन्य ट्वीट में मेनन ने कहा कि उन्होंने मुंबई पुलिस को एक शिकायत देकर आग्रह किया है कि रनौत के खिलाफ उनकी ‘राजद्रोही और भड़काऊ’ टिप्पणी के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए, 504, और 505 के तहत कार्रवाई की जाए.