कमलेश तिवारी हत्याकांडः सूरत निवासी तीन लोगों समेत पांच हिरासत में, पत्नी ने मुफ्ती काजमी और हक पर मामला दर्ज कराया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 19, 2019 08:18 PM2019-10-19T20:18:26+5:302019-10-19T20:18:26+5:30
पुलिस सूत्रों ने शनिवार को यहां बताया कि शुक्रवार को हुई इस हत्या के सिलसिले में बिजनौर निवासी आरोपियों मुफ्ती नईम काजमी और मौलाना अनवारुल हक के साथ—साथ गुजरात में सूरत निवासियों फैजान यूनुस, मोहसिन शेख और राशिद अहमद को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
राजधानी लखनऊ में हिन्दू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले में गुजरात के सूरत जिले के निवासी तीन लोगों समेत कुल पांच लोगों को पूछताछ के लिये हिरासत में लिया गया है।
पुलिस सूत्रों ने शनिवार को यहां बताया कि शुक्रवार को हुई इस हत्या के सिलसिले में बिजनौर निवासी आरोपियों मुफ्ती नईम काजमी और मौलाना अनवारुल हक के साथ—साथ गुजरात में सूरत निवासियों फैजान यूनुस, मोहसिन शेख और राशिद अहमद को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
तिवारी की पत्नी ने मुफ्ती काजमी और अनवारुल हक पर हत्या का नामजद मामला दर्ज कराया है। लेकिन तिवासी की मां कुसुमा तिवारी का कहना है कि भाजपा के स्थानीय नेता शिव कुमार गुप्ता ने गांव में मंदिर की जमीन के विवाद को लेकर उनके बेटे की हत्या करायी है।
Gujarat: Three people detained in connection with #KamleshTiwariMurder - Maulana Mohsin Sheikh, Faizan and Rashid Ahmed, at Anti-Terrorism Squad (ATS) office, Ahmedabad. pic.twitter.com/FlyMvaMMHr
— ANI (@ANI) October 19, 2019
इस बीच, पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस और गुजरात पुलिस हिरासत में लिये गये लोगों से पूछताछ कर रही है। हत्याकांड के आतंकवादी घटना होने का कोई साक्ष्य नहीं मिला है। सूरत के रहने वाले तीन लोगों की गिरफ्तारी के बारे में विस्तार से बताते हुए सिंह ने कहा कि मौका—ए—वारदात से मिले मिठाई के डिब्बे के आधार पर गुजरात पुलिस से सम्पर्क किया गया था। साथ ही प्रदेश पुलिस की एक टीम भी गुजरात भेजी गयी है।
सूरत में एक मिठाई की दुकान की सीसीटीवी फुटेज की जांच में फैजान यूनुस को पहचाना गया है। उसे हिरासत में लिया गया है। बाद में इस मामले में मौलाना मोहसिन शेख और राशिद अहमद को भी हिरासत में ले लिया गया। उन्होंने बताया कि तफ्तीश और संयुक्त पूछताछ से पता चला है कि ये तीनों लोग कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश में शामिल थे। यह भी मालूम हुआ है कि इन तीनों का किसी भी आतंकवादी संगठन से कोई नाता नहीं है।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि इस मामले में राशिद के भाई तथा गौरव तिवारी नामक एक अन्य व्यक्ति से भी पूछताछ की गयी थी, मगर कुछ भी संदेहास्पद ना मिलने की वजह से उन्हें छोड़ दिया गया। गौरव ने कुछ दिन पहले कमलेश को फोन करके सूरत और आसपास के इलाकों में हिन्दू समाज पार्टी के लिये काम करने की ख्वाहिश जतायी थी। पुलिस महानिदेशक ने कहा ''बता दूं कि 2015 में कमलेश तिवारी ने जो बयान दिया था, उसी के मद्देनजर इन लोगों ने उनकी हत्या की।
हमें जो सूचना मिली है, ऐसा लगता है कि इसकी प्लानिंग की गयी, और जो तीन संदिग्ध अपराधी पकड़े गये हैं, उनमें से एक ने यह योजना बनायी थी, दूसरे ने उसे भड़काया और तीसरे ने मिठाई की दुकान में एक मुख्य अभियुक्त के साथ जाकर मिठाई खरीदी।
दरअसल यह एक कट्टरपंथी ऑपरेशन था। हमें और भी महत्वपूर्ण सुराग मिलेंगे।'' कमलेश ने वर्ष 2015 में पैगम्बर मुहम्मद साहब के प्रति अपमानजनक बयान दिया था। इस मामले में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। इस बीच, कमलेश के शव का शनिवार को सीतापुर स्थित महमूदाबाद में अंतिम संस्कार कर दिया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कराने और उनकी मांगें पूरी किये जाने के आश्वासन के बाद कमलेश के परिजन दाह संस्कार के लिये राजी हुए। कमलेश का सुबह दाह संस्कार नहीं हो पाया था, क्योंकि उनके परिवार के लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की जिद पर अड़े थे।
वे कमलेश के पुत्र के लिये सरकारी नौकरी, परिवार की सुरक्षा और इस हत्याकांड की जांच एनआईए से कराने की मांग कर रहे थे। लखनऊ के मण्डलायुक्त मुकेश मेश्राम ने कहा कि कमलेश के परिजन की मांगें पूरी की जाएंगी। मुख्यमंत्री से जल्द ही उनकी मुलाकात करायी जाएगी।
गौरतलब है कि पूर्व में हिन्दू महासभा से जुड़े रहे हिन्दू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की शुक्रवार को गला रेतकर और गोली मारकर नाका हिंडोला के खुर्शेदबाग में हत्या कर दी गयी थी। मामले की जांच के लिये एसआईटी का गठन किया गया है।