कमलनाथ के ओएसडी और करीबियों के यहां छापे, करोड़ों की नगदी बरामद
By राजेंद्र पाराशर | Published: April 7, 2019 09:13 PM2019-04-07T21:13:23+5:302019-04-07T21:16:25+5:30
भोपाल से 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की नगदी के बरामद होने के साथ ही बड़ी मात्रा में जमीनों की रजिस्ट्रियां, लग्जरी कारें और हीरा लगे मोबाइल और ट्रांसफरों से जुड़े कागजात मिले हैं.
राजधानी भोपाल के अलावा इंदौर में आज मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी सहित करीबियों के यहां आयकर विभाग द्वारा छापे की कार्रवाई की गई. इस कार्रवाई में भोपाल से 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की नगदी के बरामद होने के साथ ही बड़ी मात्रा में जमीनों की रजिस्ट्रियां, लग्जरी कारें और हीरा लगे मोबाइल और ट्रांसफरों से जुड़े कागजात मिले हैं.
आयकर विभाग के द्बारा राजधानी में मुख्यमंत्री के ओएसडी प्रवीण कक्कड़, करीबी प्रतीक जोशी, अश्विन शर्मा के ठिकाने पर सुबह 3 बजे छापे की कार्रवाई प्रारंभ की गई, जो शाम तक जारी थी. इसके साथ ही इंदौर में भी कक्कड़ के घर और प्रतिष्ठानों पर छापा मारा गया.
मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी और पूर्व पुलिस अधिकारी प्रवीण कक्कड़ के श्यामला हिल्स क्षेत्र के 14 नादिर कालोनी स्थित आवास पर जब सुबह-सुबह 3 बजे आयकर विभाग की टीम कार्रवाई के लिए पहुंची और कार्रवाई शुरु की तो उस समय उनके दो नौकर ही घर पर थे.
कक्कड़ के निवास पर आयकर विभाग के अधिकारी कार्रवाई करने टूरिस्ट वाहन से उनके ठिकाने पर पहुंचे थे. कार्रवाई के दौरान 15 से 20 आयकर अधिकारी, सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस के जवान भी मौजूद थे. इसी दौरान भोपाल के ही प्लेटिनम प्लाजा में की चौथी और छठवीं मंजिल पर रहने वाले अश्विन शर्मा और प्रतीक जोशी के यहां आयकर विभाग ने कार्रवाई प्रारंभ की गई है.
छापे में प्रतीक जोशी के यहां की कार्रवाई में आयकर विभाग की टीम को नोटों से भरे बैग मिले हैं. छापे के दौरान अश्विन शर्मा के पास एक दर्जन लग्जरी महंगी गाड़ियों का पता लगा जिसमें 6 कारें विंटेज हैं.
अश्विन के घर से आयकर विभाग को कुछ लायसेंस शुदा हाथियार भी मिले है. छापे की यह कार्रवाई राजधानी भोपाल के अलावा इंदौर, दिल्ली और गोवा सहित देश के 50 स्थानों पर की गई है. इसमें मुख्यमंत्री के निजी सचिव आर के मिगलानी के दिल्ली स्थित निवास पर हुई छापे की कार्रवाई शामिल है.
सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग की टीम को छापे की कार्रवाई के दौरान भोपाल में एक डायरी मिली है. डायरी में कई अधिकारियों के नाम लिखे होने की बात सामने आ रही है. चर्चा यह भी है कि पिछले दिनों हुए अधिकारियों के तबादलों का लेन-देन का मामला भी हो सकता है.
नौकरी छोड़कर कांतिलाल भूरिया के बने थे ओएसडी
इंदौर में रविवार की अलसुबह दिल्ली से आए आयकर विभाग के 15 से अधिक अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ के स्कीम नंबर 74 स्थित निवास पर छापा मारा. इसके साथ ही विजय नगर स्थित शोरूम, बीएमसी हाइट्स स्थित ऑफिस, शालीमार टाउनशिप और जलसा गार्डन पर भी कार्रवाई की गई. कक्कड़ को पुलिस विभाग में रहने के दौरान उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था.
कक्कड़ 2004 में अपने नौकरी छोड़ दी और कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के ओएसडी बन गए. कहा जाता है कि 2015 में कांतिलाल भूरिया को रतलाम-झाबुआ सीट पर मिली जीत प्रवीण कक्कड़ द्वारा बनाई रणनीति से मिली. दिसंबर 2018 में वे सीएम कमलनाथ के ओएसडी बने थे.
शिवराज सरकार के समय कक्कड और कांतिलाल भूरिया अपने बेटों के नाम से प्रदेश में एक शराब फैक्टरी डालने वाले थे. जिसकी सारी औपचारिकताएं की जा चुकी थीं और सरकार से अनुमति भी लगभग मिल चुकी थी लेकिन ऐन मौके पर कांग्रेस के ही नेता केके मिश्रा ने मोर्चा खोल दिया. जिसके बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. कहा जाता है कि इन दोनों के बेटों के नाम गोवा में भी खदान है.
कमलनाथ ने कहा मुझे नहीं जानकारी
मुख्यमंत्री कमलनाथ बीते दिन होशंगाबाद में हुई आगजनी की घटना के बाद पीड़ित परिवारों से मिलने आज होशंगाबाद पहुंचे थे. आगजनी की घटना के दौरान तीन लोगों की मौत हो गई थी. उनके प्रति मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शोक संवेदना व्यक्त की है. साथ ही पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि कांग्रेस सरकार किसानों के साथ है. मीडिया ने जब उनसे ओएसडी प्रवीण कक्कड़ के ठिकानों पर आयकर विभाग का छापा पड़ने को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जनाकारी नहीं है.
शिवराज भी रहे मौन
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस मामले पर मौन साधे रखा. इन छापों के बाद उन्होंने आज प्रात: 11 बजे आयोजित अपनी पत्रकार वार्ता भी रद्द कर दी. इसके बाद वे आज दतिया पहुंचे थे. यहां पर भांडेर में एक कार्यक्रम में उन्हें ंशामिल होना था. शिवराज के दतिया पहुंचने पर मीडिया ने जब उनसे मुख्यमंत्री के ओएसडी के यहां छापे को लेकर सवाल किया तो वे बचते रहे और बिना कुछ बोले वहां से पूर्व मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा के साथ भांडेर के लिए निकल गए.
सीआरपीएफ की ली मदद
आयकर विभाग ने पहली बार ऐसा हुआ है जब स्थानीय पुलिस के बजाय सीआरपीएफ की मदद से छापे की कार्रवाई की है. छापे के लिए सीआरपीएफ की टीम को छह गाड़ियों में दिल्ली से अपने साथ लेकर आई थी. इसमें 150 के लगभग जवान शरीक थे. आयकर विभाग की टीम दिल्ली से 4 अप्रैल को भोपाल के लिए निकली. छापा मारने के लिए छुट्टी पर गई महिला कर्मियों को नीमच से छुट्टी निरस्त कर भोपाल बुलाया गया.
प्रवीण कक्कड़ का सफर
ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए (गोल्डमेडलिस्ट) मप्र पुलिस सेवा में आए. इस दौरान वे इन्दौर और झाबुआ जिले के महत्वपूर्ण थानों पर पदस्थ रहें. पुलिस सेवा के दौरान उन्हें राष्ट्रपति पदक मिला. झाबुआ में एक एकाउटर से सुखियों में आए.
2004 में उन्होंने पुलिस विभाग की नौकरी छोड़ दी. इसी समय कांग्रेस के आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया से जुड़ गए. वे 2004 से 2011 तक भूरिया के विशेष सहायक अधिकारी रहे. इसी दौरान वे कमलनाथ से जुड़े. 2011 में भूरिया के पीसीसी चीफ बनने पर चुनाव प्रबंधन का जिम्मा संभाला.
2015 में तत्कालीन झाबुआ सांसद दिलीप सिंह भूरिया की मृत्यु के बाद हुए उपचुनाव में वे कांतिलाल भूरिया के चुनाव प्रबन्धन के मुखिया रहे. भूरिया यह चुनाव जीते. कक्कड़ के चुनावी कौशल को देखकर उनकी छावि कांग्रेस में मजबूत हुई. 2018 में विधानसभा चुनाव के समय कमलनाथ ने कक्कड को चुनाव के लिए बनी कई कमेटियों में रखा.
इस चुनाव में भी वे मैनेजर के रुप में रहे. उनकी पत्नी साधना कक्कड़ शरद बिल्डर्स में डायरेक्टर, पुत्र सलिल कक्कड़ का मालवा ब्रीव एंड एल्कोहल तथा पिनाकल ब्रेवरीज एंड डिस्टलरी से नाता. यही नहीं सलिल फर्टिलाइजर कंपनी पेंको इंटरप्राइजेस में भूरिया के पुत्र के साथ डायरेक्टर.