कमलनाथ के मंत्री ने कहा- भाजपा के 15 साल में पनपा माफिया राज, 11 प्रकार के माफिया चिन्हित
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 25, 2020 06:19 AM2020-01-25T06:19:11+5:302020-01-25T06:19:11+5:30
जनसंपर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने यह बात आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश, जो कभी देश की कला और संस्कृति की राजधानी माना जाता था, उसे 15 सालों की भाजपा राज की सरपरस्ती में अपराधों और माफिया के गढ़ में तब्दील कर दिया गया था.
मध्य प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने कहा कि भाजपा के 15 साल में प्रदेश में माफिया राज पनपा है. हमने 11 प्रकार के माफियाओं को चिन्हित किया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने माफिया मुक्ति का संकल्प लिया है, किसी भी माफिया को छोड़ा नहीं जाएगा.
जनसंपर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने यह बात आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश, जो कभी देश की कला और संस्कृति की राजधानी माना जाता था, उसे 15 सालों की भाजपा राज की सरपरस्ती में अपराधों और माफिया के गढ़ में तब्दील कर दिया गया था. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संकल्प लिया है कि प्रदेश के कोने-कोने से चुन-चुन कर माफियाओं का सफाया किया जाएगा और कानून का राज स्थापित किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में वसूली माफिया आम जनता और व्यापारियों का जीना दूभर किये हुए थे. व्यापारियों से प्रोटेक्षन मनी और हफ्ता वसूला जाता था. माफिया मुक्त अभियान के तहत समूचे प्रदेश में ऐसे वसूली माफियाओं को चिन्हित किया गया है. हर जिले में पुलिस द्वारा लोगों को सूचना दी जा रही है कि वे ऐसे अपराधियों की जानकारी पुलिस को दें.
11 प्रकार के माफिया चिन्हित
उन्होंने बताया कि प्राथमिक रूप से 11 प्रकार के माफियाओं को चिन्हित किया गया है, ड्रग माफिया, भू-माफिया, वसूली/फिरोती माफिया, शराब माफिया, मिलावट माफिया, चिटफंड माफिया, अवैध कालोनी माफिया, ब्लैकमेल माफिया, माइनिंग माफिया, ट्रांसपोर्ट माफिया और सहकारी माफिया, जिनके खिलाफ समूचे प्रदेश में व्यापक रूप से कार्यवाही की जा रही है.
शर्मा ने बताया कि अब तक की कार्यवाही में 615 भू-माफियाओं पर, 694 शराब माफिया, 150 मिलावट माफिया, 65 सहकारी माफिया, 149 वसूली माफिया तथा ट्रांसपोर्ट माफियाओं के 1053 वाहनों पर कार्यवाही की गई है अर्थात समूचे प्रदेश में माफियाओं पर कहर बनकर कमलनाथ सरकार टूट पड़ी है और उन्हें सलाखों के पीछे डाला गया है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 149 ऐसे माफियाओं के खिलाफ रासुका और जिलाबदर की कार्यवाही की गई है.
कहां कितनी हुई कार्रवाई
* माफिया मुक्त अभियान की शुरूआत इंदौर शहर से की थी, जहां वर्षों से मीडिया संस्थान की आड़ में अवैध डांस बार और ब्लैकमेलिंग का कारोबार चलाया जा रहा था. न सिर्फ ब्लैकमेलिंग करने वालों पर शिकंजा कसा, अपितु 67 महिलाओं को इस माफिया के चंगुल से मुक्त भी कराया. इसी प्रकार इंदौर में बड़े-बड़े माफियाओं के अवैध निर्माण रातों-रात ध्वस्त कर उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया गया.
* मंदसौर में अंतरर्राष्ट्रीय फरार अफीम तस्कर मोहम्मद शफी और उसके भाई मोहम्मद अयूब के करोड़ों रुपयों की आलीशान हवेलियों को ध्वस्त कर दिया गया. साथ ही भगवान पशुपतिनाथ की 250 करोड़ रुपए की भूमि, जो इन दोनों ड्रग माफियाओं ने कब्जा कर रखी थी, उसे भी मुक्त कराकर पशुपतिनाथ मन्दिर ट्रस्ट को सौंप दी गई.
* भोपाल में कई रेस्टोरेंट में अवैध रूप से शराब एवं नशीली दवाओं का सेवन करवाया जा रहा था. ऐसे 9 ठिकानों को नेस्तनाबूत कर दिया गया. कई बड़े सूचीबद्ध माफियाओं के घरों को नेस्तनाबूत कर दिया गया. भोपाल जिले में 19 स्थानों पर माफियाओं ने 53.46 एकड़ शासकीय भूमि पर कब्जा कर लिया था, जिसे मुक्त कराया गया.
* जबलपुर में भी व्यापक रूप से माफियाओं पर कार्यवाही की गई. अवैध वसूली और फिरोती माफिया, जैसे राहुल कोरी, मंजू चक्रवर्ती, बल्लू केवट, अनिराज नायडू इत्यादि कई माफिया जिन पर 30 से 40 अपराध पंजीबद्ध हैं, उन्हें पकड़कर सलाखों के पीछे डाल दिया गया.
* ग्वालियर में भी भू-माफियाओं से 139 बीघा शासकीय भूमि, जो लगभग 500 करोड़ रुपए की है, को मुक्त कराया गया. इसी प्रकार समूचे मध्यप्रदेश में लगभग 15 सौ करोड़ की शासकीय भूमियों को माफियाओं से मुक्त कराया गया है.