राजनीति में कल्याण सिंह को तो जाना ही था, मार्च 2019 में आए थे सियासी विवाद में?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: September 9, 2019 04:25 PM2019-09-09T16:25:52+5:302019-09-09T16:27:21+5:30
राजस्थान के पूर्व राज्यपाल और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने लखनऊ में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की. बीजेपी के यूपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलवाई.
राजस्थान के राज्यपाल रहे कल्याण सिंह मार्च 2019 में मोदी को फिर से पीएम बनवाने के इरादे जाहिर करके सियासी विवाद में आ गए थे और उन्हें हटाए जाने की चर्चाएं भी थी, लेकिन बाद में यह मामला ठंडा पड़ गया. कल्याण सिंह का कार्यकाल 3 सितंबर 2019 को पूरा हो गया और उनकी जगह कलराज मिश्र को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया. पिछले पचास से ज्यादा वर्षों में कल्याण सिंह ऐसे इकलौते राज्यपाल रहे हैं, जिन्होंने अपने पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया है.
इधर, कलराज मिश्र ने जयपुर में सोमवार को राज्यपाल पद की शपथ ग्रहण करने के बाद प्रेस से कहा कि- आपसे कई वर्षों पुरानी मुलाकात है, लेकिन आज की मुलाकात अलग है. पहले मैं किसी पार्टी के लिए काम कर रहा था, परंतु आज राज्यपाल के रूप में संवैधानिक पद पर हूं. मैंने सभी राजनीतिक पदों से इस्तीफा दे दिया है. अब जो भी काम होंगे वे संविधान के आधार पर होंगे.
उधर, राजस्थान के पूर्व राज्यपाल और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने लखनऊ में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की. बीजेपी के यूपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलवाई. इसके साथ ही वे अपने पुराने सियासी तेवर में आ गए हैं.
माना जा रहा है कि अब अगले यूपी विधानसभा चुनाव और राम मंदिर आंदोलन को लेकर उनकी भूमिका फिर से महत्वपूर्ण हो जाएगी.
उल्लेखनीय है कि वे राज्यपाल के पद पर रहते हुए भी अपनी राजनीतिक विचारधारा से मुक्त नहीं हो पाए थे. उन्होंने राजस्थान के राज्यपाल रहते हुए 23 मार्च 2019 को अलीगढ़ दौरे के दौरान स्वयं को भाजपा का कार्यकर्ता करार देते हुए मोदी को फिर से पीएम बनने की इच्छा व्यक्त की थी!