Justice Sanjiv Khanna: भारत के 51वें प्रधान न्यायाधीश नियुक्त?, 11 नवंबर को शपथ लेंगे, कौन हैं न्यायमूर्ति संजीव खन्ना...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 24, 2024 10:29 PM2024-10-24T22:29:31+5:302024-10-24T22:31:04+5:30
Justice Sanjiv Khanna: कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्ति का इस्तेमाल करते हुए, माननीय राष्ट्रपति, भारत के माननीय प्रधान न्यायाधीश से परामर्श के बाद, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को 11 नवंबर, 2024 से देश के प्रधान न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करती हैं।’’
Justice Sanjiv Khanna: न्यायमूर्ति संजीव खन्ना बृहस्पतिवार को भारत के 51वें प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किये गये। वह 11 नवंबर को शपथ लेंगे। इससे एक दिन पहले वर्तमान न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ पद मुक्त हो जाएंगे। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने आठ नवंबर, 2022 को प्रधान न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण किया था। न्यायमूर्ति खन्ना का प्रधान न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल छह महीने से कुछ अधिक होगा और वह 13 मई, 2025 को पदमुक्त होंगे। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्ति का इस्तेमाल करते हुए, माननीय राष्ट्रपति, भारत के माननीय प्रधान न्यायाधीश से परामर्श के बाद, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को 11 नवंबर, 2024 से देश के प्रधान न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करती हैं।’’
भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने उत्तराधिकारी की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी थी और सर्वोच्च न्यायालय में अपने बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के नाम की सिफारिश इस बाबत केंद्र से की थी। न्यायमूर्ति खन्ना 11 नवंबर को भारत के 51वें प्रधान न्यायाधीश होंगे।
गत 18 जनवरी, 2019 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए न्यायमूर्ति खन्ना 13 मई, 2025 को सेवानिवृत्त होंगे। उनका कार्यकाल छह महीने से थोड़ा अधिक होगा। न्यायमूर्ति खन्ना को 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया तथा 2006 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया।
14 मई 1960 को जन्मे न्यायमूर्ति खन्ना ने दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय के ‘कैम्पस लॉ सेंटर’ (सीएलसी) से कानून की पढ़ाई की। उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति खन्ना के कुछ उल्लेखनीय निर्णयों में चुनावों में ईवीएम के उपयोग को बरकरार रखना शामिल है, जिसमें कहा गया है कि ये उपकरण सुरक्षित हैं और इनसे मतदान केंद्रों पर कब्जा कर फर्जी मतदान करने की आशंका समाप्त हो जाती है।
वह पांच न्यायाधीशों की उस पीठ का भी हिस्सा थे जिसने राजनीतिक दलों के वित्त पोषण वाली चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक घोषित किया था। न्यायमूर्ति खन्ना पांच न्यायाधीशों की उस पीठ का भी हिस्सा थे जिसने तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के 2019 के फैसले को बरकरार रखा था।