न्यायमूर्ति ने कहा-बहू का स्वागत करने की प्रक्रिया के दौरान बेटी अपनी जान गंवा बैठी

By भाषा | Published: October 15, 2019 06:55 PM2019-10-15T18:55:54+5:302019-10-15T18:55:54+5:30

अदालत ने सुबाश्री की मौत के सिलसिले में गिरफ्तार किये गये सी जयगोपाल की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। अन्नाद्रमुक के पूर्व पार्षद जयगोपाल के बेटे के विवाह की तैयारी में लगाया गया एक होर्डिंग सुबाश्री के ऊपर गिर गया था।

Justice said - daughter lost her life during the process of welcoming daughter-in-law | न्यायमूर्ति ने कहा-बहू का स्वागत करने की प्रक्रिया के दौरान बेटी अपनी जान गंवा बैठी

सुब्राश्री की मौत के बाद जनाक्रोश फैल गया था।

Highlightsजब जयगोपाल ने दलील दी कि होर्डिंग लगाने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी।कार्तिकेयर ने जानना चाहा कि यदि उन्होंने कोई गलती नहीं की तब वह इस घटना के बाद 12 दिनों तक क्यों फरार रहे।

मद्रास उच्च न्यायालय ने यहां एक सड़क हादसे में एक महिला की मौत की घटना का जिक्र करते हुए मंगलवार को कहा कि एक बहू का स्वागत करने की प्रक्रिया के दौरान एक बेटी अपनी जान गंवा बैठी।

अदालत ने सुबाश्री की मौत के सिलसिले में गिरफ्तार किये गये सी जयगोपाल की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। अन्नाद्रमुक के पूर्व पार्षद जयगोपाल के बेटे के विवाह की तैयारी में लगाया गया एक होर्डिंग सुबाश्री के ऊपर गिर गया था।

जब जयगोपाल ने दलील दी कि होर्डिंग लगाने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी तब न्यायमूर्ति सी वी कार्तिकेयर ने जानना चाहा कि यदि उन्होंने कोई गलती नहीं की तब वह इस घटना के बाद 12 दिनों तक क्यों फरार रहे।

सुबाश्री (23) की मौत के बाद दो सप्ताह तक फरार रहने के बाद जयगोपाल को 27 सितंबर को कृष्णागिरि जिले में गिरफ्तार किया गया था। सुब्राश्री की मौत के बाद जनाक्रोश फैल गया था। पुलिस ने जयगोपाल के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोपों को लेकर मामला दर्ज किया था।

सुबाश्री 12 सितंबर को दोपहिया वाहन से कहीं जा रही थी। उसी दौरान अचानक एक अवैध होर्डिंग उसके ऊपर गिर गया। सुबाश्री सड़क पर गिर गयी और एक ट्रक ने उसे कुचल दिया। जयगोपाल निचली अदालत से राहत नहीं मिलने पर जमानत की मांग करते हुए उच्च न्यायालय पहुंचे।

उन्होंने कहा कि उनके पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्यार और स्नेह के चलते उनके बेटे की शादी के लिए सड़क पर बैनर लगाये थे और इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है। मंगलवार को जब जयगोपाल और उनके एक रिश्तेदार की अर्जी सुनवाई के लिए सामने आयी तब न्यायमूर्ति कार्तिकेयन ने कहा कि बहू का स्वागत करने की प्रक्रिया में एक अन्य बेटी की जान चली गयी। मामले की अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को होगी। 

Web Title: Justice said - daughter lost her life during the process of welcoming daughter-in-law

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