दूसरे कार्यकाल में बदला PM मोदी का रुख, राज्य मंत्रियों को भी मिली बड़ी जिम्मेदारी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 18, 2019 09:51 AM2019-06-18T09:51:30+5:302019-06-18T09:51:30+5:30

पीएम मोदी अपनी दूसरी पारी में नियुक्तियों में बेहद सावधानी बरत रहे और अत्यधिक लचीलापन दिखा रहे हैं जो मई 2014 में उनके पहले कार्यकाल में नहीं था।

Junior ministers set to get bigger role in modi goverment files to be routed through them | दूसरे कार्यकाल में बदला PM मोदी का रुख, राज्य मंत्रियों को भी मिली बड़ी जिम्मेदारी

मोदी सरकार में 24 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री और 24 राज्य मंत्री शामिल हैं।

Highlights2019 में पीएम मोदी अलग दिख रहे हैं जो 'सबका विश्वास' जीतना चाहते हैं।पिछले हफ्ते उन्होंने मंत्रियों की इच्छा के अनुरूप निजी स्टाफ में पसंदीदा अधिकारी के चयन की छूट दी है।

दूसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रुख बदला हुआ नजर आ रहा है। जिसका असर मंत्रालय के कामकाज में भी दिख रहा है। 2019 में पीएम मोदी अलग दिख रहे हैं जो 'सबका विश्वास' जीतना चाहते हैं। पिछले हफ्ते उन्होंने मंत्रियों की इच्छा के अनुरूप निजी स्टाफ में पसंदीदा अधिकारी के चयन की छूट दी है। 2014 में पीएम मोदी के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की इतनी सख्ती थी कि तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह, रामविलास पासवान समेत तमाम मंत्री अपनी पसंद के अधिकारी पाने में विफल रहे थे।

अब पीएम मोदी ने राज्य मंत्रियों के लिए कुछ अलग सोचा है। इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार, राज्य मंत्रियों को भी निर्णय प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। कैबिनेट सचिवालय ने सभी कैबिनेट मंत्रियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि सभी फाइल राज्य मंत्रियों के माध्यम से कराई जाये।

आम तौर पर नई सरकार बनने के बाद कार्य आवंटन आदेश हर मंत्रालय को भेजा जाता है। इस बार इसमें नया पैराग्राफ जोड़ा गया है जिसमें लिखा है, संसद के तारांकित प्रश्नों और सभी फाइलों को राज्य मंत्रियों के माध्यम से भेजा जाएगा। इससे पहले अधिकांश राज्य मंत्रियों को संसद के कम महत्वपूर्ण वाले विषयों को दिया जाता रहा है।

इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले लिखा, कैबिनेट सचिवालय के संयुक्त सचिव चंद्रशेखर कुमार ने 7 जून को सभी सचिवों को पत्र लिखा और कार्य आवंटन के लिए एक खाका दिया। हालांकि इसमें साफ कहा गया है कि महत्वपूर्ण मामलों को कैबिनेट मंत्री सीधे पेश कर सकते हैं।

पिछली सरकारों में कई राज्य मंत्री अपने कामकाज से खुश नहीं रहते थे। मोदी सरकार के इस कदम से जरूर उन्हें राहत मिली होगी। मोदी सरकार में 24 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री और 24 राज्य मंत्री शामिल हैं।

दूसरी पारी में लचीला रुख

पीएम मोदी अपनी दूसरी पारी में नियुक्तियों में बेहद सावधानी बरत रहे और अत्यधिक लचीलापन दिखा रहे हैं जो मई 2014 में उनके पहले कार्यकाल में नहीं था। उदाहरण के लिए उन्होंने 2014 में निर्णय लिया था कि यदि किसी अधिकारी ने किसी मंत्री के निजी स्टाफ में निजी सचिव, अतिरिक्त पर्सनल सेक्रेटरी या विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) के रू प में सेवा दी है, तो वह मोदी युग के मंत्रियों को सेवाएं नहीं दे पाएंगे।

यहां तक कि सबसे शक्तिशाली मंत्री अरुण जेटली को भी इस नियम से छूट पाने के लिए कई महीने इंतजार करना पड़ा था। हालांकि दूसरे मंत्री उनके जैसा भाग्यशाली नहीं रहे। इस बार पीएम मोदी ने पसंदीदा अधिकारी के चयन की छूट दी है।
 

Web Title: Junior ministers set to get bigger role in modi goverment files to be routed through them

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