सिख दंगे में कमलनाथ को क्लीन चिट देने वाले जज रंगनाथ मिश्रा को कांग्रेस ने राज्यसभा भेजा था

By विकास कुमार | Published: December 17, 2018 07:08 PM2018-12-17T19:08:29+5:302018-12-17T19:08:29+5:30

कमलनाथ पर आरोप है कि दिल्ली स्थित रकाबगंज गुरुद्वारे के पास जब दो सिखों को जिन्दा जला दिया गया, उस वक्त वो घटना स्थल पर ही मौजूद थे. और भीड़ को भड़काने का काम कर रहे थे. लेकिन कमलनाथ ने इन आरोपों का हमेशा खंडन किया है.

Judge who give clean chit to Kamal naath in sikh riot, later sent to Rajya sabha by Congress party | सिख दंगे में कमलनाथ को क्लीन चिट देने वाले जज रंगनाथ मिश्रा को कांग्रेस ने राज्यसभा भेजा था

सिख दंगे में कमलनाथ को क्लीन चिट देने वाले जज रंगनाथ मिश्रा को कांग्रेस ने राज्यसभा भेजा था

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कमलनाथ ने आज शपथ लिया। और आज ही सिख दंगों के मामले में कांग्रेस नेता सज्जन सिंह को सजा सुनाई गई। सिख संगठनों ने भी इनके मुख्यमंत्री बनने का विरोध किया है। कमलनाथ का नाम आते ही हमारे सामने पहली नजर में संजय गांधी का नाम उभरकर सामने आता है। दून स्कूल में हुई दोनों की दोस्ती ने कमलनाथ को गांधी परिवार के बीच का सदस्य बना दिया। इंदिरा गांधी भी उन्हें अपने बेटे की तरह ही मानती थी। 

कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में सभी पार्टियों के नेता दिखे। लेकिन दिल्ली की राजनीति करने वाली आम आदमी पार्टी ने इस समारोह से दूरी बनाये रखी। इसका कारण है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन कुमार को आज दिल्ली हाई कोर्ट ने सिख दंगों के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है और उन्हें 31 दिसंबर तक आत्मसमर्पण करने को कहा है। लेकिन इन सभी मामलों में कमलनाथ का नाम क्यों घसीटा जा रहा है ? वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी उनके मुख्यमंत्री बनने पर चिंता जताई है। आम आदमी पार्टी ने भी उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का विरोध किया है। 

कमलनाथ के विरोध को समझने के लिए हमें तीन दशक पहले 1984 में जाना होगा। कमलनाथ को बेटा बताने वाली देश की तात्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनके सिख बॉडीगार्ड ने प्रधानमंत्री आवास पर ही गोलियों से भून डाला था। इस खबर ने आम जनमानस को झकझोर कर रख दिया था। इसके बाद पूरे दिल्ली में सिखों के खिलाफ दंगे शुरू हो गए थे। ये दंगे बड़े पैमाने पर हुए और निर्दोष लोगों को निर्ममता से मौत के घाट उतार दिया गया। कांग्रेस पार्टी के कई नेता इन दंगों में लोगों को भड़का रहे थे जिससे मौत का आंकड़ा अप्रत्याशित रूप से बढ़ गया था। 

कमलनाथ पर आरोप है कि दिल्ली स्थित रकाबगंज गुरुद्वारे के पास जब दो सिखों को जिन्दा जला दिया गया, उस वक्त वो घटना स्थल पर ही मौजूद थे। और भीड़ को भड़काने का काम कर रहे थे। लेकिन कमलनाथ ने इन आरोपों का हमेशा खंडन किया है। एसआईटी, रंगनाथ मिश्रा कमीशन और नानावटी आयोग के जांच के दौरान भी कमलनाथ के खिलाफ इन आरोपों का कोई सबूत नहीं मिला। रंगनाथ मिश्रा कमीशन ने भी कमलनाथ के खिलाफ किसी भी । खैर, एक सच्चाई ये भी है कि उन्हीं रंगनाथ मिश्रा को कांग्रेस ने राज्यसभा से सांसद बनाया। इस पर आज भी सवाल उठते हैं। रंगनाथ मिश्रा 1998-2004 तक कांग्रेस से राज्यसभा में सांसद रहे। 

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